हम भी उस्ताद हो गए जिंदगी के तूफानों में
ऐ हसीनों, तुमने पूछा होता कभी सवाल जिंदगी का
तो हम भी आशिक होते, तुम होते तो न ये हार होती न जीत
जिंदगी के गुलशन में बहार ही बहार होती
देखा जो तेरे हुस्न को तो मदहोश थे हम आजमाया
जो तेरी सीरत को तो अपने हाथों की उंगलियां ज्यादा पाईं हमने
नदिया-दरिया में बाढ़ आना हर मौसम हर बारिश
हर वक्त-वक्त की बात है
पर समंदर, तूफान, सुनामी आना सितारों के गर्दिश में होने की बात है
प्यार कहती है दुनिया जिसे हम भी कह लेते झूठा ही सही
तेरे प्यार के भरम में हम भी जी लेते इतना तो हक था हमें
के तुम्हें एक बार ही सही अपना हमदम कह लेते झूठा ही सही
एक इशारा भर तुम कर देते तो प्यार हम भी कर लेते