वॉशिंगटन। अमेरिका में पढ़ने का सपना देख रहे छात्रों के लिए यह खबर राहतभरी है। बाइडन प्रशासन ने अमेरिका पढ़ने जाने वाले छात्रों के हित में एक बड़ा फैसला किया है। अब स्टूडेंट्स उनके अकादमिक टर्म के शुरू होने के 356 दिनों पहले ही वीसा के लिए आवेदन दे सकते हैं।
हालांकि स्टेट डिपार्टमेंट ने यह भी साफ किया कि इंटरनेशनल स्टूडेंट्स उनके प्रोग्राम के शुरू होने के 30 दिन पहले ही अमेरिका आ सकते हैं। अंतरराष्ट्रीय छात्र अमेरिकी वीसा के लिए 2 कैटेगरीज F और M में आवेदन करते हैं। नए छात्र स्टूडेंट (F एंड M) वीसा उनके कोर्स शुरू होने से 365 दिनों पहले ही आवेदन डाल सकते हैं।
उन्होंने यह सूचना भी दी कि छात्रों को पहले अनिवार्य रूप से 'स्टूडेंट एंड एक्सचेंज विजिटर सिस्टम' (SEVIS) में अपना रजिस्ट्रेशन करवाना होगा। यदि छात्र के साथ उनके जीवनसाथी या छोटा बच्चा अमेरिका में उनके साथ रहने की इच्छा रखते हैं, ऐसे में प्रत्येक को छात्र के अकादमिक संस्थान से व्यक्तिगत I-20 फॉर्म मिलना जरूरी है।
स्टेट डिपार्टमेंट के अनुसार जिन अंतरराष्ट्रीय छात्रों के पास अमेरिकी F वीसा हैं, उन्हें I-20 फॉर्म पर तय अंत तारीख के अनुसार प्रोग्राम और प्रैक्टिकल ट्रेनिंग के खत्म होने के 60 दिनों में ही अमेरिका छोड़ना होगा। इस नई घोषणा के बाद यूनिवर्सिटियां 12 से 14 महीनों पहले से ही I-20 फॉर्म जारी या स्वीकार कर सकती हैं।
इसके पहले टर्म के शुरुआत होने से पहले इंटरव्यू की प्रक्रिया 120 दिनों पहले एवं I-20 फॉर्म 4 से 6 महीनों पहले की जाती थी। वीसा सर्विसेस की डेप्यूटी असिस्टेंट सचिव, जूली स्टफ ने कहा कि अमेरिका भारत में वीसा के लंबे इंतजार को घटाने के लिए हरसंभव प्रयास कर रहा है।
उन्होंने बताया कि भारत ने पिछले साल सबसे ज्यादा वीसा के लिए आवेदन देने वाले छात्रों का रिकॉर्ड को तोड़ दिया है। यह परिस्थिति इस साल भी बन सकती है। भारत विश्व में अमेरिका पढ़ने आए विदेशी छात्रों में से दूसरे नंबर पर आता है।
भारत से भारी तादाद में लोग वीसा के लिए आवेदन देते हैं, परंतु उन्हें अप्रूवल मिलने के लिए खूब लंबा इंतजार करना पड़ता है। खासकर उन्हें जो पहली बार वीसा के लिए B1 (बिजनेस) और B2 (टूरिस्ट) कैटेगरी के अंतर्गत आवेदन देते हैं। पिछले साल अक्टूबर में इंतजार करने की अवधि 3 साल तक पहुंच गई थी। कोरोना काल के बाद से अमेरिकी वीसा के आवेदकों में भारत का नाम सबसे ऊपर आया था।