आज के समय में आधार कार्ड हर देशवासी के लिए एक बहुत महत्वपूर्ण डॉक्यूमेंट है। भारत सरकार ने सभी जरूरी डॉक्यूमेंट को आधार कार्ड से लिंक करवा दिया हैं। ऐसे में इसका सुरक्षित रहना बहुत जरूरी है। बच्चे, बूढ़े, जवान, महिलाएं सभी के पास इसका होना अत्यंत आवश्यक है। आप का एक भी काम इसके बिना संभव नहीं है। न केवल सरकारी, बल्कि निजी क्षेत्र में भी ये काफी जरूरी हो गया है।
आधार कार्ड दो तरह के होते हैं। पहला नियमित आधार कार्ड है जो सभी को जारी किया जाता है। यह वयस्कों के लिए है सफ़ेद कलर में आता है। दूसरा बच्चों के लिए है। इसे बाल आधार कार्ड (Baal Aadhaar Card) कहा जाता है और यह नीले रंग का होता है। बाल आधार कार्ड को UIDAI ने 2018 में 5 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए पेश किया था। तो आइये इसके बारे में जानते है कुछ और बातें विस्तार से।
1. नवजात बच्चों के माता-पिता भारत में बाल आधार कार्ड के लिए ऑनलाइन अप्लाई कर सकते हैं।
2. नीले रंग का आधार कार्ड पांच साल या उससे कम उम्र के बच्चों के लिए बनता है।
3. पांच साल के बाद उसे अपडेट कराना होता है। अपडेट न कराने पर ये स्वतः इन एक्टिव हो जाता है।
4. इस कार्ड को बर्थ सर्टिफिकेट के तौर पर भी उपयोग किया जाता है.
5. 'नीला आधार कार्ड' बनवाने की प्रक्रिया :
नीला आधार कार्ड बनवाने के लिए आप अपने बच्चे को एनरोलमेंट सेंटर पर ले जाएं।
वहां एनरोलमेंट के लिए फार्म भरकर जमा कर दें।
यहां अभिवावक को अपना आधार कार्ड देना होगा।
इसके बाद आपको एक मोबाइल नंबर देने के लिए कहा जाएगा।
जिसके तहत 'नीला आधार कार्ड' जारी किया जाएगा।
नीले आधार में बायोमेट्रिक जानकारी की आवश्यकता नहीं है, बस एक फोटो क्लिक की जाएगी।
दस्तावेज वेरीफाई (Document Verification) के बाद एक मैसेज आएगा।
वेरिफिकेशन होने के दो महीने के अंदर आपके बच्चे का 'नीला आधार' यानी 'बाल आधार कार्ड' आ जाएगा।