लखनऊ। कानपुर देहात में थाना रूरा के मड़ौली में 13 फरवरी को अवैध कब्जा हटाने के दौरान मां-बेटी की झोपड़ी के अंदर जलकर दर्दनाक मौत हो गई थी। पूरे घटना की जांच के लिए शासन के निर्देश पर एसआईटी का गठन किया गया था। एसआईटी मड़ौली कांड की जांच-पड़ताल भी कर रही है। दूसरी ओर मृतका प्रमिला के बेटे शिवम ने जांच पर ही सवाल खड़े कर दिए हैं। शिवम का कहना है कि यह कैसी जांच है जिसमें मुर्दों के भी बयान दर्ज किए जा रहे हैं?
10 साल पहले हो चुकी है मौत : मड़ौली कांड में मृतिका प्रमिला के बेटे शिवम ने जांच पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि घटना की जो जांच चल रही है, उसमें उसे जानकारी हुई है कि उनके परिवार के रामनारायण दीक्षित हैं जिनकी मृत्यु 8 से 10 साल पहले हो चुकी है। घटना को लेकर उनसे भी पूछताछ कर रहे हैं। मुझे यह पता नहीं चल रहा है कि मरे हुए आदमी से कैसे पूछताछ चल रही है? इसलिए थोड़ा-सा संदेह होता है कि जांच में क्या हो रहा है?
शिवम ने बताया कि उसे जानकारी हुई है कि मकान गिराने से पहले जो नोटिस आई थी, उस नोटिस में रामनारायण दीक्षित के हस्ताक्षर हैं। लेकिन कमाल की बात तो यह है कि रामनारायण दीक्षित की 8 से 10 साल पहले मौत हो चुकी थी तो उन्होंने हस्ताक्षर कैसे कर दिए?
एसडीएम व लेखपाल के पास है कोई शक्ति : शिवम ने बताया कि मुझे तो लगता है कि जिन्होंने कार्रवाई कराई थी लेखपाल व एसडीएम ने, उनके पास कोई जादू व शक्ति है। जो भगवान के पास से मरे हुए व्यक्ति को नीचे लेकर आए, हस्ताक्षर करवाए और फिर वापस भेज दिया। अगर आपको मेरी बात पर भरोसा नहीं हो रहा है तो रामनारायण के बेटे पुत्तन और वीरेन्द्र से आप पता कर सकते हैं कि उनके पिता की मौत कब हुई थी? यह भी पूछ सकते हैं कि उनके पिता जीवित हैं कि नहीं?
17 फरवरी को भी भेजी गई नोटिस : शिवम ने बताया कि जानकारी मिली है कि 17 फरवरी को रामनारायण दीक्षित को भी नोटिस दी गई थी। पूछताछ के लिए माती बुलाया गया था। मुझे संदेह हो रहा है कि मरा हुआ आदमी पूछताछ में कैसे गया होगा? हो सकता है कि उनको ऊपर से बुलाया गया? इसलिए मुझे जांच पर संदेह हो रहा है। इस जांच पर मैं कैसे भरोसा करूं?
क्या था मड़ौली कांड? : कानपुर देहात मैथा तहसील के मड़ौली गांव में कृष्णगोपाल दीक्षित के खिलाफ अवैध कब्जा करने की शिकायत थी। 13 फरवरी को एसडीएम मैथा ज्ञानेश्वर प्रसाद, पुलिस व राजस्वकर्मियों के साथ गांव में अतिक्रमण हटाने पहुंचे थे। इस दौरान जेसीबी से नल और मंदिर तोड़ने के साथ ही छप्पर गिरा दिया था। इससे छप्पर में आग लग गई और वहां मौजूद प्रमिला (44) व उनकी बेटी नेहा (18) की आग की चपेट में आने से जलकर मौके पर ही मौत हो गई थी जबकि कृष्ण गोपाल गंभीर रूप से झुलस गए थे।
एसडीएम, लेखपाल व थाना प्रभारी सहित 39 के ऊपर मुकदमा : पुलिस ने परिवार की तहरीर के आधार पर एसडीएम, लेखपाल व थाना प्रभारी सहित 39 लोगों के ऊपर मुकदमा दर्ज कर लिया था। मुकदमा दर्ज होने के बाद पुलिस जेसीबी चालक व लेखपाल अशोक सिंह को गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है। पूरे मामले की जांच के लिए शासन के निर्देश पर एसआईटी गठित है। घटना की जांच एसआईटी तेजी के साथ कर रही है।