कानपुर। उत्तरप्रदेश के कानपुर के हैलट अस्पताल में भर्ती फतेहपुर से आई दुष्कर्म की पीड़िता कि गुरुवार सुबह मौत हो गई। कानपुर में उसका इलाज जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के सर्जरी विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. अनुराग सिंह और प्लास्टिक सर्जन डॉ पुष्पेंद्र कनौजिया की देखरेख में चल रहा था।
इमरजेंसी मेडिकल ऑफिसर डॉ. मयंक सिंह ने बताया कि पीड़िता 80 प्रतिशत जली थी। 6 दिनों तक डॉक्टर की टीम ने उसे बचाने की कोशिश करते रहे, लेकिन उसे बचा नहीं सके।
डॉक्टरों के मुताबिक पीड़िता अत्याधिक जली हुई थी। धीरे-धीरे उसके अंदरूनी अंगों में सूजन आने लगी। जब उसे सांस लेने में दिक्कत होने लगी तो फेफड़े में ट्यूब डालकर ऑक्सीजन दी गई थी। उसका चेहरा, छाती, गला समेत लगभग पूरा शरीर जल गया था।
फतेहपुर में 14 दिसंबर को सुबह हुसैनगंज क्षेत्र के एक गांव में दरिंदे ने घर में घुसकर 18 वर्षीय युवती के साथ दुष्कर्म किया। विरोध करने पर उसके शरीर पर केरोसिन छिड़ककर आग लगा दी थी।
चीखते हुए युवती बाहर भागी तो पड़ोसियों ने आग बुझाकर उसे अस्पताल पहुंचाया। इसके बाद 80 प्रतिशत झुलसी पीड़िता को एलएलआर अस्पताल (हैलट) कानपुर रेफर किया गया था, जहां आज सुबह उसकी मौत हो गई।