meerut news in hindi : श्रावण मास के साथ ही उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश राज्य में चारों तरफ भोले भंडारी शिव का भोले बम, बम-बम उद्घोष सुनाई पड़ रहा है। शिव भक्ति में लीन शिव भक्त कांवड़िए राजस्थान, हरियाणा, मध्य प्रदेश और दिल्ली से देवभूमि उत्तराखंड में गंगा जल लेने पहुंच गए हैं।
उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश में भगवा रंग पहने भोले-भोली (कांवड़िए) कंधे पर गंगाजल लेकर पैदल अपने गंतव्य की तरफ कूच कर गए हैं। वेस्ट यूपी की धरती में केसरिया रंग की धमक दिखाई दे रही है, जिसके चलते मेरठ कमीश्नरी में कांवड़ यात्रा को लेकर विशेष तैयारियां की गई हैं।
मेरठ प्रशासन ने एक विशेष मोबाइल एप्लीकेशन तैयार की है, जिसका नाम sugamkawadmeerut.com रखा गया है। इस ऐप के माध्यम से कांवड़ लाने वाले शिव भक्त को एक क्लिक करते ही सारी जानकारी मोबाइल पर उपलब्ध हो जाएगी।
मेरठ जिले के मुख्य विकास अधिकारी शशांक चौधरी ने इस ऐप को लांच करते समय बताया कि कांवड़ मार्ग पर जगह जगह 'बार कोड' लगे मिल जाएंगे। कोई भी कांवड़िया बार कोड को मोबाइल में स्कैन करके एप्लीकेशन को डाउनलोड़ कर सकता है।
sugamkawadmeerut.com के माध्यम से कावंड़ियों को सिर्फ एक क्लिक करते ही कांवड़ मार्ग पर चिकित्सा कैंप/सहायता, पुलिस सहायता, प्रशासनिक अधिकारियों के दूरभाष नंबर, खानपान के लिए होटल/ढाबों, शौचालयों एवं सीएनजी/पेट्रोल पंप की लोकेशन प्राप्त हो जाएगी, जिसके चलते कांवड़ियों को किसी भी समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा। इस बार पीए सिस्टम यानी पब्लिक एड्रेस सिस्टम भी पहली बार लागू किया गया है, जो 24 घंटे कांवड़ियों को जागरूक करता रहेगा।
मेरठ प्रशासन ने इस ऐप में कांवड़ियों के सेल्फ रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था भी की है, जो शिव भक्त अपना रजिस्ट्रेशन करवाता है उसकी संपूर्ण जानकारी का ब्यौरा और फोटो ऐप के डाटा में फीड हो जाएगी। शशांक चौधरी का कहना है कि कभी-कभी कई कांवड़िए गुम हो जाते हैं, ऐसे में सेल्फ रजिस्ट्रेशन द्वारा पता चल जाएगा कि भोले इस सीमा में आए थे या नहीं। भोलों की सुरक्षा में 1000 सीसीटीवी भी लगाए गए है, ताकि कांवड़ यात्रा सुरक्षित रूप से चल सके। Edited By : Chetan Gour