लखनऊ। राजधानी लखनऊ के हजरतगंज इलाके में मंगलवार शाम ढही एक बहुमंजिला इमारत के मलबे में दबी एक बुजुर्ग महिला और उनकी बहू की बुधवार को इलाज के दौरान मृत्यु हो गई। सिविल अस्पताल के अधीक्षक डॉक्टर आनंद ओझा ने बताया कि हादसे के बाद आज सुबह मलबे से निकाली गई बेगम हैदर (72) और उनकी बहू बताई जा रही उजमा (46) की अस्पताल में इलाज के दौरान मृत्यु हो गई।
उन्होंने बताया कि दोनों ही महिलाएं बहुत बुरी तरह जख्मी थीं। उन्हें बचाने की भरसक कोशिश की गई लेकिन सफलता नहीं मिली। मौका मुआयना करने पहुंचे प्रदेश के पुलिस महानिदेशक डीएस चौहान ने बताया कि हमें 2 और व्यक्तियों के बारे में पता चला है। उनकी पहचान अभी स्पष्ट नहीं है, लेकिन एक बैंक के कर्मचारी दुर्घटनाग्रस्त इमारत में किसी ग्राहक के यहां काम से आए थे और उनके साथ में एक और व्यक्ति था। उनको भी हम लोग खोज रहे हैं।
चौहान ने बताया बचाव कार्य लगातार जारी है। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की 12-12 कंपनियां बचाव कार्य में लगी हैं। इसके अलावा पीएसी की 4 कंपनियां भी तैनात की गई हैं। मलबा कई परतों में है इसलिए बचाव कार्य में दुश्वारियां हो रही हैं। यह बचाव अभियान 18 घंटे से अधिक समय तक चलने की संभावना है। पुलिस महानिदेशक ने बताया कि इमारत ढहने के मामले में मुकदमा तैयार किया जा रहा है। अभी तक आधिकारिक रूप से किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है।
हालांकि मेरठ से वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक रोहित सिंह सजवाण के हवाले से मिली रिपोर्ट के मुताबिक इस मामले में किठौर से सपा विधायक पूर्व मंत्री शाहिद मंजूर के बेटे नवाजिश को आज सुबह पूछताछ के लिए हिरासत में लेकर लखनऊ ले जाया गया है। अभी उसे आधिकारिक रूप से गिरफ्तार नहीं किया गया है।
पुलिस महानिदेशक चौहान ने बताया कि इमारत किन कारणों से गिरी, यह विशेषज्ञों की जांच के बाद ही पता चलेगा। कोई कह रहा है कि बिल्डिंग के नीचे ड्रिलिंग का काम हो रहा था। कोई कह रहा था कि भूकंप का भी परिणाम हो सकता है। ये सारे कयास हैं। जब जांच होगी तब पता चलेगा कि बिल्डिंग कैसे गिरी। लेकिन जो प्रथम दृष्टया दिख रहा है वह यह कि इमारत का निर्माण बहुत घटिया सामग्री से किया गया था। इमारत गिरने का एक यह कारण हो सकता है।
पुलिस महानिदेशक ने बताया कि वर्ष 2009 में इस इमारत की 2 मंजिलें बनाई गई थीं, मगर इसके लिए लखनऊ विकास प्राधिकरण से अनुमति नहीं मिली थी। उसके बाद 3 मंजिलें और बना दी गईं। मलबे से अब तक 16 लोगों को निकाला जा चुका है उनमें से 2 की मौत हो चुकी है जबकि 10 का इस समय अस्पताल में इलाज किया जा रहा है। 4 अन्य को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है।
इस मामले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर बुधवार को मंडलायुक्त की अगुवाई में 3 सदस्यीय जांच समिति गठित की गई। राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर 3 सदस्यीय जांच समिति गठित की गई है। लखनऊ की मंडलायुक्त रोशन जैकब की अगुवाई वाली इस समिति में लखनऊ के संयुक्त पुलिस आयुक्त पीयूष मोर्डिया तथा लोक निर्माण विभाग लखनऊ के मुख्य अभियंता भी शामिल हैं।
उन्होंने बताया कि यह समिति इस हादसे के लिए ज़िम्मेदार लोगों को चिन्हित कर 1 सप्ताह के भीतर रिपोर्ट देगी। इस बीच प्रशासन ने अलाया अपार्टमेंट के बिल्डर और भवन मालिकों के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया है। मंडलायुक्त रोशन जैकब ने बुधवार को लखनऊ विकास प्राधिकरण के अधिकारियों को निर्देश दिया है कि हजरतगंज की वजीर हसन रोड पर बनाए गए अलाया अपार्टमेंट के ढहने के मामले में उसके भवन मालिक मोहम्मद तारीफ, नवाजिश और शाहिद के साथ-साथ अपार्टमेंट के बिल्डर यजदान पर मुकदमा दर्ज कराया जाए।
मंडलायुक्त ने यह भी आदेश दिए हैं कि लखनऊ शहर में यजदान बिल्डर द्वारा बनवाई गई अन्य इमारतों का चिह्नांकन कर जांच की जाए और अवैध निर्माण या खराब गुणवत्ता वाले निर्माण की स्थिति में तत्काल ध्वस्तीकरण कराया जाए।
लखनऊ के जिलाधिकारी सूर्यपाल गंगवार ने कहा कि मामले की जांच के बाद जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाएगी। गौरतलब है कि लखनऊ के हजरतगंज क्षेत्र में वजीर हसन मार्ग पर मंगलवार शाम करीब 7 बजे एक बहुमंजिला इमारत ढह गई। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें पिछले करीब 16 घंटे से बचाव अभियान चला रही हैं।(भाषा)