अयोध्या। श्री राम जन्मभूमि मंदिर निर्माण को लेकर तैयारियों की रफ्तार तेज कर दी गई है, कार्यशाला में पत्थरों की सफाई व तराशी भी तीव्र गति से की जा रही है। मंदिर में लगने वाला प्रवेश द्वार व मंदिर में लगने वाले घंटे, सभी की तैयारियां बहुत तेजी की जा रही हैं। कई दशकों से कार्यशाला में चल रहे कार्य, हजारों पत्थरों की तराशी व सफाई पूरी की जा चुकी है।
बाहरी श्रद्धालु कार्यशाला में पत्थरों के मंदिर मॉडल का दर्शन करने के लिए अत्यधिक मात्रा में आ रहे हैं। इसी बीच राम जन्मभूमि ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने कहा कि दिसंबर 2023 में राम जन्मभूमि का दर्शन करा देंगे। उन्होंने बताया कि कार्य बहुत तेजी से चल रहा है।
पत्थरों की तराशी कार्यशाला के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि इस पर होमवर्क चारों दिशाओं में देखा जा रहा है कि पत्थर की तराशी कहां कराना है। श्री रामजन्मभूमि में रामायण पर आधारित घटनाक्रमों के अनुसार मूर्तिया भी लगाई जाएंगी, जो कि श्रद्धालुओं के आकर्षण का केंद्र होंगी।
अयोध्या में राम जन्मभूमि मंदिर में रामायणकालीन प्रसंगों पर आधारित मूर्तिया भी स्थापित की जाएंगी।रामकथा कुंज में बन रही मूर्तियों का निर्माण सीता हरण प्रसंग तक पूरा कर लिया गया है। राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महामंत्री चंपत राय की देखरेख में मूर्तियों का निर्माण किया जा रहा है।
इन मूर्तियों को असम के मूर्तिकार रंजीत मंडल, उनके पिता नारायण चंद्र मंडल व उनकी टीम निर्माण कर रही है। राम जन्मभूमि मंदिर में लगने वाली मूर्तियों को निर्मित करने की प्लानिंग स्वर्गीय अशोक सिंघल ने की थी। उन्होंने ने ही मूर्तिकार रंजीत मंडल को असम से लाकर अयोध्या रामकथा कुंज में स्थापित किया था। रामकथा कुंज में रामायणकालीन मूर्तियों का निर्माण 2013 से चल रहा है।
मूर्तिकार रंजीत मंडल का कहना है कि रामायणकालीन प्रसंगों पर आधारित मूर्तियों को स्वर्गीय अशोक सिंघल के कहने पर बनाया जाना शुरू हुआ था। आज ट्रस्ट के महामंत्री चंपत राय की निगरानी में मूर्तियों का निर्माण किया जा रहा है। सीमेंट, लोहे की छड़ व स्टील की जाली से इन मूर्तियों का निर्माण किया जा रहा है।
अब तक जन्म से लेकर सीताहरण तक के प्रसंगों की मूर्तियां बनकर तैयार हैं। अब इसमें रंग भरने का कार्य किया जाना है। वर्ष 2023 में भगवान राम अपने दिव्य भव्य मंदिर में विराजमान हो जाएंगे। इसी के साथ इन मूर्तियों को भी स्थापित किया जाएगा, जिनका रामभक्त श्रद्धालु दर्शन कर सकेंगे। अयोध्या के संतों में इन मूर्तियों को लेकर उत्साह है।
रामलला के मुख्य पुजारी आचार्य सतेंद्र दास का कहना है कि इन मूर्तियों को राम मंदिर में स्थापित होने से राम भक्त श्रद्धालु रामायण के प्रसंगों को मूर्ति के माध्यम से महसूस करेंगे। राम जन्मभूमि मंदिर में जब श्रद्धालु पहुचेंगे तो रामलला के दर्शन के साथ रामायण के प्रसंगों को मूर्ति रूप में देखकर महसूस करेंगे। जन्मकाल से लेकर रावण वध तक के प्रसंगों पर आधारित मूर्तियों को राम जन्मभूमि परिसर में म्यूजियम के रूप में रखा जाएगा।