लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने गुरु को लखनऊ हवाई अड्डे के पास भगवान राम के छोटे भाई लक्ष्मण की 12 फुट ऊंची एक प्रतिमा का अनावरण और अन्य परियोजना का उद्घाटन किया। सूचनाओं के अनुसार इस 12 फुट ऊंची प्रतिमा का वजन 1, 200 किलोग्राम है और इसे प्रसिद्ध शिल्पकार राम सुतार ने डिजाइन किया है, जो गुजरात में स्थित 182 मीटर ऊंची स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के डिजाइनर हैं।
इस अवसर पर रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि वे पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई के सपनों को साकार करने पर काम कर रहे हैं। वाजपेई ने भी लोकसभा में लखनऊ का प्रतिनिधित्व किया था। उन्होंने कहा कि लखनऊ के विकास की वजह से यहां की जमीन की कीमत बढ़ी है। लोगों की सोच में बदलाव आया है। इसका श्रेय मुख्यमंत्री योगी को जाता है। अब लोगों की सोच कारोबार अनुकूल हो गई है।
सिंह ने कहा कि उत्तरप्रदेश की सख्त कानून व्यवस्था इसका कारण है। इस पर न केवल भारत में, बल्कि विदेश में बसे भारतीयों के बीच भी चर्चा होती है। कारोबारी सुगमता की भी चर्चा होती है। प्रदेश में निवेश की अपार संभावनाएं होने का दावा करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पूरी दुनिया शुक्रवार को ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में उत्तरप्रदेश की एक नई कहानी देखेगी।
उन्होंने कहा कि आज उत्तरप्रदेश कानून व्यवस्था और विकास के मामले में तेजी से आगे बढ़ रहा है। इस प्रदेश को अब उत्कृष्ट निवेश स्थल और पर्यटन स्थल के रूप में जाना जाता है, जहां एक्सप्रेस-वे का जाल बिछा है। हवाई अड्डे के निकट लक्ष्मण की विशाल प्रतिमा के अनावरण के अलावा शहीद पथ से हवाई अड्डे तक एक फ्लाईओवर, जी-20 और ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट से जुड़ीं विकास परियोजनाओं, कारगिल विजय स्मारक सहित अन्य परियोजनाओं का लोकार्पण किया गया।
इस दौरान लखनऊ का नाम 'लक्ष्मणपुर' करने का भी मुद्दा चर्चा में रहा। भाजपा सांसद संगमलाल गुप्ता ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर लखनऊ का नाम 'लखनपुर' या 'लक्ष्मणपुर' करने का आग्रह किया है और कहा है कि 18वीं सदी में नवाब असफुद्दौला द्वारा इसका नाम बदलकर 'लखनऊ' किया गया था।
प्रतापगढ़ से सांसद गुप्ता ने दावा किया कि भगवान राम ने यह नगर अपने भाई लक्ष्मण को सौंपा था और इसे 'लखनपुर' या 'लक्ष्मणपुर' के नाम से जाना जाता था। उत्तरप्रदेश के उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने भी कहा कि यह सभी जानते हैं कि लखनऊ को पहले 'लक्ष्मण नगरी' के नाम से जाना जाता था और राज्य सरकार स्थिति के मुताबिक आगे बढ़ेगी। (भाषा)