सरकार ने वर्ष 2020 में भी इसी तरह की एक पहल में संशोधित नागरिकता कानून के विरोध में हुई हिंसा के आरोपियों के पोस्टर सार्वजनिक स्थानों पर लगवाए थे। ये पोस्टर लखनऊ सहित कई स्थानों पर लगाए गए थे, लेकिन बाद में अदालत के आदेश पर उन्हें हटा दिया गया था।
संभल शहर के मोहल्ला कोट पूर्वी स्थित मुगल कालीन जामा मस्जिद में पिछले रविवार को अदालत के आदेश पर सर्वे का काम शुरू किया गया था। इसके विरोध में भड़की हिंसा में चार लोगों की मौत हो गई थी तथा एक उप जिलाधिकारी समेत कम से कम 25 लोग घायल हो गए थे। इस दौरान हुए पथराव और आगजनी में सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचा था।