यूपी को बदलना मेरा लक्ष्य-राहुल

सोमवार, 6 फ़रवरी 2012 (14:05 IST)
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कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी ने आज कहा कि हिन्दुस्तान के अनेक ‘बड़े’ राजनेताओं के विपरीत वह प्रधानमंत्री पद के प्रति ‘आसक्त’ नहीं हैं और उनका मानना है कि पद से कुछ नहीं होता, शक्ति तो जनता में होती है। राहुल ने यहां संवाददाता सम्मेलन में खुद के प्रधानमंत्री बनने की सम्भावना सम्बन्धी सवाल पर कहा कि हिन्दुस्तान के बड़े राजनेता इस बात के लिए आसक्त हैं कि वे प्रधानमंत्री बनें, लेकिन मेरी ऐसी कोई आसक्ति नहीं है।

*राहुल ने कहा, मैं उत्तर प्रदेश को बदलना चाहता हूं
*राहुल को विश्वास चुनाव परिणाम हमारे पक्ष में होंगे
*22 साल में उत्तर प्रदेश में अपराध बढ़ा है-राहुल गांधी
*प्रधानमंत्री पद के प्रति ‘आसक्त’ नहीं हूं-राहु

उन्होंने कहा कि पद से कुछ नहीं होता, शक्ति जनता में होती है। मेरा मकसद उत्तर प्रदेश का विकास करना है। राहुल गांधी में कोई शक्ति नहीं है। मैं सिर्फ जनता की आवाज सुनता हूं और उसे लोकसभा तक ले जाता हूं। मेरा उत्तर प्रदेश में प्रगति लाने का मिशन है। जब तक उत्तर प्रदेश अपने पैरों पर खड़ा नहीं होगा तब तक राहुल गांधी आपकी झोपड़ियों में किसानों के साथ दिखाई देगा।

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की कामयाबी के प्रति विश्वास व्यक्त करते हुए राहुल ने कहा कि मेरा कहना है कि चुनाव में कांग्रेस पार्टी के लिए ठोस परिणाम आ रहे हैं। जनता कांग्रेस की तरफ देख रही है। मैं जहां भी जा रहा हूं वहां जनता हमसे कह रही है कि यहां की सरकारों ने उन्हें 22 साल बेवकूफ बनाया है।

कांग्रेस सांसद ने कहा कि उत्तर प्रदेश में कांग्रेस के फिर से खड़े नहीं होने तक वह चैन से नहीं बैठेंगे। उन्होंने कहा कि सीधा आंकड़ा है। इस चुनाव में कांग्रेस पार्टी खड़ी हो जाएगी। वह 200 सीटों से भी खड़ी हो जाएगी और 100 सीटों से भी।

राहुल ने दोहराया कि वह उत्तर प्रदेश में किसी राजनीतिक पार्टी से समझौता नहीं करने आए हैं। उनका समझौता राज्य की जनता के साथ होगा हालांकि चुनाव के बाद समाजवादी पार्टी (सपा) से गठबंधन के सवाल का उन्होंने स्पष्ट उत्तर नहीं दिया।

भ्रष्टाचार के मुद्दे पर कांग्रेस महासचिव ने भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी को खरी-खोटी सुनाते हुए कहा कि आडवाणी जी को झारखंड, छत्तीसगढ़, उत्तराखंड और पंजाब समेत भाजपा शासित राज्यों में भ्रष्टाचार नहीं दिखता। हमें अपने यहां जब भी भ्रष्टाचार का कोई मामला सुनाई दिया हमने कार्रवाई की।

लोकपाल को संवैधानिक दर्जा देने सम्बन्धी सवाल पर राहुल ने कहा कि मैंने संसद में कहा था कि हमें चुनाव आयोग की तरह वैधानिक लोकपाल गठित करने दीजिए। आडवाणी और विपक्षी नेताओं ने मेरे इस विचार की हंसी उड़ाई थी। अब आप जब उनसे पूछते हैं कि आपने संवैधानिक लोकपाल क्यों नहीं बनने दिया तो वे कहते हैं कि वह राहुल गांधी का विचार था, मगर ऐसा नहीं है, वह मेरा नहीं बल्कि देश का विचार था।

राहुल ने विदेशी बैंकों में जमा कालेधन को भारत लाने की योग गुरु बाबा रामदेव की मांग सम्बन्धी सवाल का सीधा जवाब नहीं देते हुए कहा कि रामदेव जी अपने चार पांच लोगों को काले झंडे लेकर मेरी हर जनसभा में भेज रहे हैं। वे सोचते हैं कि चार झंडे देखकर राहुल भाग जाएगा। आप झंडे लगाओ, गोली मारो, जूता मारो, मैं किसी से नहीं डरता। (भाषा)

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