Fact Check: पॉन्डिचेरी के छात्र ने काली मिर्च-शहद-अदरक से COVID-19 का उपचार खोजा? जानिए पूरा सच

बुधवार, 14 अप्रैल 2021 (17:53 IST)
सोशल मीडिया पर लगातार कोरोना महामारी के इलाज को लेकर अलग-अलग दावे किए जाते रहे हैं। सोशल मीडिया और व्हॉट्सएप पर वायरल ऐसे ही एक मैसेज में दावा किया जा रहा है कि पॉन्डिचेरी विश्वविद्यालय के एक छात्र ने कोरोनावायरस का घरेलू उपचार खोजा है, जिसे WHO ने स्वीकृति प्रदान कर दी है।

क्या है वायरल-

वायरल मैसेज में लिखा गया है, “एक सुखद समाचार, अन्ततोगत्वा पॉन्डिचेरी विश्वविद्यालय के एक भारतीय छात्र रामू ने कोविड-19 का घरेलू उपचार खोज लिया जिसे WHO ने पहली बार में ही स्वीकृति प्रदान कर दी। उसने सिद्ध कर दिया कि एक चाय के चम्मच भरकर काली मिर्च का चूर्ण, दो चम्मच शहद, थोड़ा सा अदरक का रस, लगातार 5 दिनों तक लिया जाय तो कोरोना के प्रभाव को 100% तक समाप्त किया जा सकता है। सम्पूर्ण जगत इस उपचार को लेना आरम्भ कर रहा है। अन्ततः 2021 में एक सुखद अनुभव। इसे अपने सभी समूहों में प्रेषित अवश्य करें। धन्यवाद।”


(Viral message)

क्या है सच्चाई-

वायरल हो रहे दावे की पड़ताल शुरू करते हुए हमने इंटरनेट पर अलग-अलग कीवर्ड्स की मद्द से सर्च किया। लेकिन हमें ऐसी कोई खबर नहीं मिली जिससे वायरल दावे की पुष्टि होती हो।

हालांकि, हमें यह पता चला कि यह मैसेज पिछले साल भी वायरल हुआ था। तब बीबीसी हिंदी ने फैक्ट चेक कर इस दावे को फर्जी बताया था।

बीबीसी हिंदी से बातचीत में पॉन्डिचेरी यूनिवर्सिटी के प्रवक्ता के. मकेश ने बताया कि ऐसी कोई दवा विश्वविद्यालय के छात्र ने नहीं बनाई है। बीबीसी हिंदी ने अपने फैक्ट चेक में बताया कि काली मिर्च, शहद, अदरक आदि के उपयोग से खांसी और ज़ुकाम जैसे लक्षणों में राहत मिलती है लेकिन यह कोरोनावायरस का इलाज नहीं है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) अपने वेबसाइट के Mythbusters नामक सेक्शन में सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे अफवाहों का खंडन करती है। इसमें WHO ने स्पष्ट किया कि खाने में काली मिर्च का इस्तेमाल करने से कोरोना वायरस से बचा नहीं जा सकता है।

WHO का कहना है कि काली मिर्च आपके खाने को स्वादिष्ट बना सकती है लेकिन कोरोनावायरस से नहीं बचा सकती है। संगठन का कहना है कि कोरोना से बचने के लिए लोगों से एक मीटर की दूरी बनाए रखें, लगातार हाथ धोएं, संतुलित खाएं, पानी ठीक से पिएं, व्यायाम करें और अच्छी नींद लें।

भारत सरकार ने भी 11 अगस्त 2020 को पॉन्डिचेरी के छात्र के सुझाए इलाज को WHO की अनुमति मिलने वाले वायरल मैसेज का खंडन किया था। भारत सरकार की तरफ से PIB फैक्ट चेक (PIB Fact Check) ने ट्वीट कर इस वायरल मैसेज को फेक बताया था।

Claim: The home remedy cure for #COVID19, approved by @WHO, has been found by a Pondicherry University student.#PIBFactCheck: This is #FakeNews. Though, there are many vaccines under trial, @WHO has not approved any such cure for #COVID19. pic.twitter.com/BCUgTFMsau

— PIB Fact Check (@PIBFactCheck) August 11, 2020


वहीं, भारत का आयुष मंत्रालय शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता को बेहतर बनाने के लिए काढ़ा, हल्दी दूध और व्यायाम जैसे उपायों के बारे में सुझाव देता रहा है। कोविड-19 के संक्रमण से बचने के लिए मनुष्य की रोग प्रतिरोधक क्षमता की अहम भूमिका मानी जाती है।

The threat of Covid 19 has not yet subsided. It is time to go back to the @moayush guidelines for Covid 19, & adopt them. To read the guidelines, click on the link: https://t.co/F5pTM0fYf9
Follow these simple self-care guidelines to enhance your body’s disease-fighting ability! pic.twitter.com/ZIHtXQtvyj

— Ministry of Ayush (@moayush) April 5, 2021

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