सोशल मीडिया पर एक वीडियो खूब वायरल हो रहा है। इसे जर्मन कार निर्माता कंपनी फॉक्सवैगन का विज्ञापन बताया जा रहा है। वीडियो में देखा जा सकता है कि सुसाइड बम जैकेट पहने एक शख्स फॉक्सवैगन कार में बैठता है और कार को चलाकर एक पब्लिक प्लेस पर रोक देता है। इसके बाद वह शख्स एक बटन दबाता है जिससे कार के अंदर धमाका हो जाता है, लेकिन इसका असर कार के बाहर बिलकुल नहीं होता। आखिर में फॉक्सवैगन के लोगो के साथ टैगलाइन “Polo। Small but tough” लिखा नजर आता है। वीडियो शेयर कर लोग दावा कर रहे हैं कि फॉक्सवैगन ने इस विज्ञापन के जरिए मुसलमानों का मजाक उड़ाया है।
क्या है वायरल-
सोशल मीडिया पर वीडियो को पोस्ट करते हुए एक यूजर ने लिखा- जर्मनी की ऑटोमोबाइल कंपनी फॉक्सवैगन ने इन शांति दूतों का जमकर मजाक उड़ाया है, शांतिदूत आतंकी फॉक्सवैगन की कार में बम लेकर ब्लास्ट करना चाहता है लेकिन कार इतना मजबूत है कि ब्लास्ट नहीं होता। अगर ऐसा ऐड किसी भारतीय कंपनी ने बनाया होता तो अब तक इस्लाम खतरे में आ गया होता।
क्या है सच-
हमने इंटरनेट पर volkswagen terrorist ad कीवर्ड की मदद से सर्च किया तो हमें 2005 की The Guardian की एक न्यूज रिपोर्ट मिली, जिससे पता चला कि इस वीडियो का फॉक्सवैगन कंपनी से कोई लेना देना नहीं है। इस रिपोर्ट के मुताबिक, उस समय फॉक्सवैगन के प्रवक्ता ने इस बात को खारिज किया था कि ये वीडियो फॉक्सवैगन का विज्ञापन है।
पड़ताल जारी रखते हुए हमें ABC 10 News नाम के एक वेरिफाइड यूट्यूब चैनल का एक वीडियो मिला, जिसमें वायरल वीडियो के बारे में सच्चाई बताई गई थी। ABC 10 News के मुताबिक, ये वीडियो सालों पहले Lee & Dan नाम की एक टीम ने बनाया था, जो पहले भी इस तरह के फेक विज्ञापन बनाती आई है।
वेबदुनिया ने अपनी पड़ताल में पाया कि वीडियो के साथ किया जा रहा दावा फेक है। इस वीडियो को फॉक्सवैगन ने नहीं बनाया है, बल्कि यह एक पैरोडी वीडियो है।