आम धारणा है कि टेलीविजन और इंटरनेट की बढ़ती लोकप्रियता ने रेडियो के महत्व को कम कर दिया है। मगर एक नए अध्ययन के मुताबिक संचार के यह दोनों माध्यम रेडियो के नजदीक पहुंचने में भी नाकाम रहे हैं।
ब्रिटेन में हुए एक अध्ययन के मुताबिक टेलीविजन देखने और इंटरनेट सर्फिंग के मुकाबले रेडियो सुनकर लोग ज्यादा खुश रहते हैं और उनकी ऊर्जा का स्तर बढ़ जाता है।
शोध के मुताबिक प्रतिभागियों ने रेडियो सुनने से अपनी खुशी के स्तर में 100 प्रतिशत और ऊर्जा में 300 प्रतिशत बढ़ोतरी महसूस करने की बात कही।
"द डेली टेलीग्राफ" की खबर के मुताबिक, टेलीविजन और इंटरनेट सर्फिंग भी लोगों की खुशी व ऊर्जा के स्तर को ब़ढ़ाते हैं लेकिन यह रेडियो के मुकाबले काफी कम है।
अध्ययन के मुताबिक टेलीविजन देखने की तुलना में रेडियो सुनने से खुशी के स्तर में दो गुनी जबकि ऊर्जा के स्तर में चार गुना बढ़ोतरी होती है। वहीं इंटरनेट सर्फिंग की तुलना में रेडियो सुनने से लोग तीन गुना ज्यादा ऊर्जावान महसूस करते हैं।
प्रमुख शोधकर्ता मार्क बार्बर का कहना है, हमारा नया शोध लोगों की भावनाओं को प्रभावित करने में रेडियो की अपार क्षमता को उजागर करता है।
अध्ययन के एक अन्य भाग के तहत रेडियो सुनने को लेकर लोगों की प्रतिक्रियाओं को जानने और निरीक्षण करने के लिए मस्तिष्क स्कैन का सहारा भी लिया गया। इसमें छह लोगों की मस्तिष्क सक्रियता देखी गई। इससे पता चला कि रेडियो सकारात्मक कामों की प्रेरणा के स्तर को बढ़ाता है। (एजेंसी)