Ayodhya ram mandir news : अयोध्या राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर देशभर में उत्साह का माहौल है। 22 जनवरी को लाखों राम भक्त राम नगरी में होने वाले भव्य आयोजन का हिस्सा बनने के लिए बेताब है। अयोध्या में बन रहे सभी मंदिरों को भी राम मंदिर का स्वरूप दिया जा रहा है।
22 जनवरी को लाखों - करोड़ों राम भक्तों के परम् आराध्य प्रभु श्री राम का गर्भगृह में भव्य प्रवेश उनकी प्राण - प्रतिष्ठा के साथ होने जा रहा जिसे देखने की चाह तो सम्पूर्ण विश्व की है। इसी के चलते अब अयोध्या में नव निर्मित हो रहे विभन्न देवी - देवताओं के मंदिरों का स्वरूप भी राम मंदिर के स्वरूप के ही तर्ज पर कराया जा रहा है।
ऐसा ही एक हनुमान जी का मंदिर अयोध्या में निर्मित किया जा रहा है। इसका स्वरूप राम मंदिर की ही तरह है। मंदिर के महंत ने बताया कि अयोध्या में जितने भी मंदिरों का निर्माण हो रहा है वे राम मंदिर की डिजाइन के ही है। इससे सारी अयोध्या राम मय हो जायगी।
उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि लोग अयोध्या नगरी एक बार जरूर आए और अपनी आँखों से बदलती अयोध्या को देखे।
नासिक महाराष्ट्र से आए एक कारीगर ने बताया की अयोध्या को सजाने - संवांरने का काम हम लोग कर रहे हैं। हम सूर्य स्तंभ व लाइट लगा रहे हैं। अयोध्या में श्री राम जन्मभूमि मंदिर के अलावा भी जो मंदिर बन रहे हैं उन्हें भी वही राम मंदिर के ही स्वरूप में डिजाइन किया जा रहा है।
सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, ज्ञानवापी के वजूखाने की सफाई होगी
Gyanwapi news in hindi : सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को एक बड़े फैसले में वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद के वजूखाने की सफाई कराने का आदेश दिया। हिंदू पक्ष की याचिका पर शीर्ष अदालत ने यह फैसला किया।
हिंदू पक्ष ने अपनी याचिका में कहा था कि वजूखाने में 25-26 दिसंबर 2023 के बीच मछलियां मर गई। इस वजह से टैंक से बदबू आ रही है। चूंकि वहां हिंदुओं के लिए पवित्र माना जाने वाला शिवलिंग है, इसलिए उस स्थान की सफाई होनी चाहिए। उस पवित्र शिवलिंग के आसपास गंदगी, मृत जानवर आदि नहीं होने चाहिए।
हिंदू पक्ष की मांग पर सुप्रीम कोर्ट ने डीएम की निगरानी में ज्ञानवापी के वजूखाने की सफाई का आदेश दिया। बताया जा रहा है कि मुस्लिम पक्ष ने भी इस फैसले का विरोध नहीं किया।
उल्लेखनीय है कि ज्ञानवापी परिसर में एडवोकेट कमिश्नर द्वारा किए गए सर्वे के दौरान वजूक्षेत्र में मंदिर पक्ष ने शिवलिंग मिलने का दावा किया था। हालांकि मस्जिद पक्ष उसे फव्वारा बताता है। कोर्ट के आदेश के बाद 16 मई 2022 से पूरा क्षेत्र सील है।