Global Ram Darbar : उत्तरप्रदेश की योगी सरकार (Yogi government) अब प्रभु श्रीराम को वैश्विक आस्था के केंद्र के तौर पर प्रचारित-प्रसारित करने के लिए अवधपुरी अयोध्या (Avadhpuri Ayodhya) में देश-विदेश के 18 से ज्यादा रामलीला (Ramlila) स्वरूपों का मंचन कराएगी। इसके अतिरिक्त प्रभु श्रीराम (Shri Ram) को केंद्र में रखकर विभिन्न सांस्कृतिक, पारंपरिक लोककला व आध्यात्मिक कार्यक्रमों का भी आयोजन किया जाएगा जिसको लेकर तैयारियां तेज कर दी गई हैं।
देश-विदेश में होगा रामलीलाओं मंचन : यूं तो रामलीला का मंचन भारत के विभिन्न प्रांतों में स्थानीय परंपरागत शैली के अनुरूप होता ही है, मगर विदेशों में भी रामलीला के कई प्रारूपों का मंचन होता है। ऐसे में अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि मंदिर प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम की शोभा बढ़ाने के लिए मकर संक्रांति (15 जनवरी) से 22 जनवरी के मध्य इन विभिन्न रामलीला प्रारूपों का मंचन अयोध्या के विभिन्न सांस्कृतिक केंद्रों में किया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि अब जब 500 वर्षों के पश्चात नव्य अयोध्या सांस्कृतिक व आध्यात्मिक रूप से और समृद्ध दिखेगी तो वहीं 22 जनवरी 2024 को पीएम नरेन्द्र मोदी के करकमलों से मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम अपने भव्य मंदिर में विराजमान होंगे। इस अवसर को योगी सरकार अद्वितीय, अविस्मरणीय व अलौकिक बनाएगी। एक तरफ जहां देश-विदेश के कलाकार रामायण आधारित रामलीला की प्रस्तुति देंगे तो वहीं लोक परंपराओं पर आधारित सांस्कृतिक कार्यक्रम भी होंगे। योगी सरकार इस आयोजन के जरिए वर्तमान के साथ भावी पीढ़ी समेत अयोध्या आने वाले पर्यटकों व श्रद्धालुओं को श्रीराम के आदर्शों व मूल्यों से अवगत कराने का अनुपम प्रयास करने जा रही है।
एक सूत्र में बांधने का प्रयास : रामोत्सव के लिए नेपाल, कंबोडिया, सिंगापुर, श्रीलंका, थाईलैंड, इंडोनेशिया आदि देशों के रामलीला मंडलियों के कलाकारों को आमंत्रित किया गया है। साथ ही महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, हरियाणा, कर्नाटक, सिक्किम, केरल, छत्तीसगढ़, जम्मू-कश्मीर, लद्दाख और चंडीगढ़ की मंडली भी श्रीराम के जीवन पर आधारित विभिन्न प्रसंगों की प्रस्तुतियां देंगी।
तुलसी भवन स्मारक स्थित तुलसी मंच पर देश व विदेश की विभिन्न रामलीलाओं का मंचन प्रस्तावित है। इसके साथ ही रामकथा पार्क के पुरुषोत्तम मंच, भजन-संध्या स्थल के सरयू मंच, तुलसी उद्यान के कागभुशुंडि मंच व तुलसी स्मारक भवन के तुलसी मंच पर रामलीला मंचन समेत विभिन्न सांस्कृतिक, आध्यात्मिक व लोककला आधारित कार्यक्रमों का मंचन व संचालन किया जाएगा।
चलेगी आध्यात्मिक व सांस्कृतिक यात्रा : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गोरक्षपीठाधीश्वर भी हैं तथा आध्यात्मिक व्यक्तित्व होने के कारण ही प्रदेश समेत अयोध्या में भी आध्यात्मिक ऊर्जा के नवसंचार में योगी का महत्वपूर्ण योगदान है। उनके मार्गदर्शन में ही राज्य के विभिन्न आध्यात्मिक नगरों में विकास की प्रगति ने उत्तरप्रदेश को नई पहचान दी है। अयोध्या में होने वाले सांस्कृतिक व आध्यात्मिक कार्यक्रमों को भी आस्था के सम्मान से जोड़कर देखा जा रहा है। ऐसे में इन कार्यक्रमों में उन लोक परंपराओं को भी तरजीह दी जाएगी, जिन लोक परंपराओं ने समाज में प्रभु श्रीराम के आदर्शों को अपनी प्रस्तुतियों के माध्यम से जीवंत बनाए रखा है।
पूरे विश्व से लाखों श्रद्धालु आएंगे : उल्लेखनीय है कि जनवरी में पूरे विश्व से लाखों श्रद्धालु अयोध्या और प्रदेश के अन्य महत्वपूर्ण धार्मिक, सांस्कृतिक शहरों की यात्रा करेंगे। ऐसे में उन्हें अयोध्या के खोए वैभव की छवि दिखाने और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के जरिए यहां आने वाले अन्य प्रांतों के श्रद्धालुओं को अयोध्या में तीर्थस्थलों के दर्शन के साथ ही यहां की समृद्ध विरासत के साक्षात्कार के प्रयास भी किए जा रहे हैं।