इस अभियान से जुड़ी एक वैज्ञानिक सुज़ैन स्म्रेकर कहती हैं, "आप एक कच्चा अंडा लें और एक पक्का अंडा, दोनों को घुमाने पर वह अलग-अलग तरीक़े से घूमेगा क्योंकि उसके अंदर तरल पदार्थ अलग-अलग है। आज हम यह नहीं जानते हैं कि मंगल के अंदर तरल चीज़ है या ठोस चीज़। साथ ही इसका भीतरी भाग कितना बड़ा है यह नहीं मालूम। इंसाइट हमें इसकी जानकारियां देगा।"