इसके अलावा इस हड़प नीति के अंतर्गत डलहौजी ने यह निर्णय लिया कि जिन भारतीय शासकों ने कंपनी के साथ मित्रता की है अथवा जिन शासकों के राज्य ब्रिटिश सरकार के अधीन हैं और उन शासकों के यदि कोई पुत्र नहीं है तो वह बिना अंग्रेजी हुकूमत की आज्ञा के किसी को गोद नहीं ले सकता। अपनी राज्य हड़प नीति के तहत डलहौजी कानपुर, झांसी, नागपुर, सतारा, जैतपुर, संबलपुर, उदयपुर, करौली इत्यादि रियासतों को हड़प चुका था। रामगढ़ की इस राजनीतिक स्थिति का पता जब अंग्रेजी सरकार को लगा तो उन्होंने रामगढ़ रियासत को कोर्ट ऑफ वार्ड्स के अधीन कर लिया और शासन प्रबंध के लिए एक तहसीलदार को नियुक्त कर दिया। रामगढ़ के राजपरिवार को पेंशन दे दी गई।