Banel and Adama in Cannes: सेनेगल की फिल्म 'बनेल और अदामा' इस साल की खास फिल्म कई वजहों से है, पहली वजह यह है कि सेनेगल में बनी यह फिल्म अपने देश से इकलौती फिल्म है, दूसरी इसकी डायरेक्टर महिला है (रमाता टॉलीसी) और वह इस साल की कॉम्पीटीशन सेक्शन में इकलौती ऐसी डायरेक्टर हैं जो पहली बार कान फिल्म फेस्टिवल में शामिल हुई है।
इस साल 21 फिल्में हैं जो पाम डी'ओर अवार्ड की दावेदार हैं, जिनमें से 13 डायरेक्टर ऐसी हैं जिन्हें यह अवार्ड पहले मिल चुका है। इतने बड़े बड़े नामों के बीच यह दुबली पतली लड़की अपनी फिल्म के साथ अपनी जगह बनाने में कामयाब है।
फिल्म की कहानी सेनेगल के गांव की है जहां बनेल और अदामा रहते हैं, उस इलाके के नियम कायदे हैं जिनकी वजह से यह बचपन के प्यार के जोड़े को बीच में अलग होना होता है लेकिन अब दोनों साथ हैं और एक पल भी अलग नहीं होना चाहते। बनेल गांव की लड़की है लेकिन साफ तौर पर जानती है कि जिंदगी से वो क्या चाहती है।
इतनी खूबसूरत कलाकार कास्ट के साथ सेनेगल की खूबसूरत फिल्म को देखते हुए एक उत्सुकता बनी रहती है कि आखिर यह कहानी किस मोड़ तक पहुंचेगी इसलिए फिल्म भारी नहीं होती लेकिन अंत में कुछ अधूरा सा रह जाता है। बिना शक यह फिल्म खास भी है और इस सेक्शन में होने की हक़दार भी है लेकिन देखने वालों की प्यास को बुझाने में कुछ कमी रह जाती है।