ज़ीरो को बॉक्स ऑफिस पर सफल बनाने के लिए शाहरुख खान का अनोखा दांव

शाहरुख खान ने 25 वर्षों से भी ज्यादा समय फिल्म इंडस्ट्री में गुजार लिया है और बिज़नेस के मामले में वे अपनी समझ के बल पर दूसरे कलाकार-निर्माता और स्टूडियो से मीलों आगे खड़े नजर आते हैं। शाहरुख ने बॉलीवुड को पैसे कमाने के गुर बताए हैं। उन्होंने साबित किया है कि सिर्फ थिएटर से ही नहीं बल्कि अन्य स्रोतों से भी आय प्राप्त की जा सकती है। 


 
शाहरुख की पिछली कुछ फिल्मों ने बॉक्स ऑफिस पर खास व्यवसाय नहीं किया है। वे भी शायद यह बात मान चुके हैं कि 300 करोड़ रुपये का कलेक्शन करने वाली फिल्म देना उनके बस की बात नहीं है। यही कारण है कि 'ज़ीरो' को उन्होंने कम दामों में बेचा है और डील ऐसी तैयार की है कि फिल्म फायदे का सौदा साबित हो। 
 
ज़ीरो 200 करोड़ रुपये में तैयार हुई है। डिजीटल, सैटेलाइट, म्युजिक और अन्य राइट्स बेच कर 100 करोड़ रुपये रिलीज के पहले ही आ चुके हैं। लगभग 40 करोड़ रुपये में ओवरसीज़ राइट्स बेचे जा चुके हैं। शाहरुख ने भारत के डिस्ट्रीब्यूटर्स को फिल्म कम लागत में बेची है और इसके बावजूद वे मुनाफे में हैं। 


 
किंग खान की 'दिलवाले' 130 करोड़ रुपये में बेची गई थी, लेकिन 'ज़ीरो' उन्होंने लगभग सौ करोड़ रुपये में बेची है। साथ ही इस बात की सुविधा भी वितरकों को दी है कि यदि उन्हें घाटा होता है तो शाहरुख उसकी भरपाई करेंगे। यदि फिल्म बेची गई कीमत से ज्यादा का बिजनेस करती है तो मुनाफे में शाहरुख की 85 प्रतिशत हिस्सेदारी होगी। 
 
भारत में बॉक्स ऑफिस पर यदि फिल्म 190 से 195 करोड़ रुपये का कलेक्शन करती है तो वितरकों की लागत वसूल हो जाएगी और इसके बाद उन्हें फायदा होने लगेगा। 
 
जिस तरह से 'ज़ीरो' के ट्रेलर और गानों ने धूम मचाई है उसके आधार पर कहा जा सकता है कि 'ज़ीरो' 190 करोड़ के आंकड़े तक तो पहुंच जाएगी और यहां पहुंचते ही इसे हिट करार दिया जाएगा। शाहरुख तो पहले से ही 40 करोड़ रुपये के फायदे में हैं और उनका फायदा और बढ़ सकता है। यदि फिल्म असफल भी रहती है तो किंग खान का फायदा थोड़ा कम हो जाएगा। 

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