मल्होत्रा ने बताया, ‘मैने फिल्म जगत के कई लोगों से मुलाकात की और सभी ने मुझे टॉरेट सिंड्रोम से पीड़ित एक शिक्षक पर फिल्म नहीं बनाने को कहा। आप मूर्ख हैं और यह एक व्यावसायिक फिल्म नहीं है। कुछ लोगों ने मुझे सुना, कुछ ने कहा कि मैं पटकथा से भटक गया हूं।’ मल्होत्रा ने बताया कि उन्हें पटकथा ठुकराने को लेकर किसी के प्रति कोई शिकवा शिकायत नहीं है। (भाषा)