उन्होंने लिखा कि इसके बाद भी कैलाश खेर को समझ नहीं आया। जब हम ढाका पहुंचे, मैं ऑर्गेनाइजर्स के साथ वेन्यू जा रही थी। इस बीच कैलाश लगातार मुझे कॉल करते रहे। जब मैंने फोन नहीं उठाया तो उन्होंने ऑर्गेनाइजर्स को कॉल किया और मुझे कहा कि मैं साउंडचेक के लिए न जाऊं और उनसे मिलने के लिए रूम में आऊं।