बोल बच्चन बोल

प्लेयर्स, दम मारो दम, गेम, खेलें हम जी जान से और रावण में क्या बात कॉमन है? बड़ा ही आसान सवाल है। इसका जवाब ये है कि ये सारी फिल्में बुरी तरह फ्लॉप रही हैं और इनमें अभिषेक बच्चन ने काम किया है। ये अभिषेक की रिलीज होने वाली पिछली पांच फिल्में हैं।

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कोई और हीरो होता तो कब का गुमनामी के अंधेरे में खो चुका होता, लेकिन अभिषेक के नाम के साथ बच्चन सरनेम जुड़ा हुआ है, लिहाजा वे फ्लॉप फिल्मों के ढेर पर बैठे हैं और अभी भी फिल्म इंडस्ट्री में टिके हैं।

अभिषेक को लेकर मजाक भी बनाए जा रहे हैं कि वे 30 सेकण्ड्स के विज्ञापन में ही अच्छे लगते हैं, तीन घंटे की फिल्म में नहीं। ये बातें उनके कानों तक भी पहुंच रही हैं।

अभिषेक ने भी काफी सोच-विचार किया है, विचार-मंथन किया है कि क्यों उनकी फिल्में पिट रही हैं? क्यों दर्शक उनकी फिल्मों से दूर भाग रहे हैं? इसका जवाब उन्हें यह मिला है कि उन्होंने सही फिल्में नहीं की। इसलिए अब उन्होंने नई रणनीति तैयार की है।

जूनियर बी की रणनीति यह है कि वे अब सोच-समझकर ही फिल्म साइन करेंगे (यानी कि अभी तक बिना सोच-समझ के काम कर रहे थे), जिसकी स्क्रिप्ट में उन्हें दम नजर आएगा, रोल बेहतर लगेगा, उन्हीं फिल्मों को हां कहेंगे। केवल संबंधों की खातिर किसी भी फिल्म में काम करने के लिए तैयार नहीं हो जाएंगे।

अब सवाल ये उठता है (जिसका अभिषेक बुरा भी मान सकते हैं) कि क्या उन्हें इतनी फिल्में ऑफर होती हैं कि वे उसमें से मनपसंद फिल्में चुन सकें? बोल बच्चन बोल।

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