फिल्म का पैटर्न पुरानी फिल्म जैसा है, अलग-अलग कहानियां, जो साथ में चलती हैं। अलग-अलग उम्र के किरदार हैं, जो पर्सनल रिलेशन में आई उठा-पटक से जूझ रहे हैं। हर कहानी में कोई ना कोई रिश्ता अपने संकट से गुजर रहा है। कहीं बेवफाई है, कहीं गलतफहमियां, कहीं अकेलापन, तो कहीं खुद की पहचान की तलाश।