Corona का असर, रद्द हुई अमरनाथ यात्रा, ऑनलाइन हो सकेंगे बाबा बर्फानी के दर्शन

सुरेश एस डुग्गर

बुधवार, 22 अप्रैल 2020 (19:46 IST)
जम्मू। कोरोना महामारी के चलते इस बार की वार्षिक अमरनाथ यात्रा को रद्द कर दिया गया है। इसके अतिरिक्त जुलाई तथा अगस्त के महीनों में प्रदेश में होने वाली अन्य दर्जनों धार्मिक यात्राओं पर भी आशंका के बादल मंडरा गए हैं। इनमें प्रमुख बुड्‍ढा अमरनाथ और मचेल यात्रा हैं।
 
लॉकडाउन बढ़ने की सूरत में अमरनाथ यात्रा के लिए एडवांस पंजीकरण की तिथि 15 अप्रैल से बढ़ाकर 4 मई तक की गई थी। 1 अप्रैल से यात्रा पंजीकरण शुरू होना था, पर लॉकडाउन के चलते पहले इसे 15 अप्रैल तक स्थगित किया गया। कोरोना के कारण यात्रा की तैयारियों पर असर पड़ा था।

पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के मुताबिक 23 जून को अमरनाथ यात्रा शुरू होनी थी। फिलहाल इसके लिए तैयारियां आरंभ ही नहीं हो पाई थीं क्योंकि कोरोना वायरस के कारण तैयारियों को बीच में ही रोकना पड़ा। इसमें प्रथम चरण में यात्रा पंजीकरण की प्रक्रिया को मुकम्मल बनाया जाता है, लेकिन अब तक यह प्रक्रिया शुरू ही नहीं हो पाई।
 
इस बार की यात्रा को रद्द करने का फैसला अमरनाथ श्राइन बोर्ड (एसएएसबी) के अध्यक्ष उप राज्यपाल गिरीश चंद्र मुर्मू की अध्यक्षता में हुई बैठक में लिया गया। प्रवक्ता के अनुसार, कश्मीर घाटी में 77 रेड जोन ऐसे इलाकों में हैं जो यात्रा मार्ग में पड़ते हैं।

उन्होंने कहा कि इस महामारी के कारण लंगर की स्थापना, चिकित्सा सुविधा, शिविर स्थापना, सामग्री जुटाना, हिम निकासी आदि संभव नहीं है। उन्होंने आगे जोर देकर कहा कि यद्यपि भारत सरकार ने 3 मई तक देशव्यापी तालाबंदी कर दी है, लेकिन यह जानना बेहद अप्रत्याशित है कि यह किस दिशा में आगे बढ़ेगा अतः यात्रियों की सुरक्षा हमारा प्रमुख महत्व है जिसकी खातिर इस बार यात्रा को रद्द करने का फैसला लिया गया है।
 
प्रवक्ता ने बताया कि श्राइन बोर्ड ने सर्वसम्मति से निर्णय लिया कि दुनिया में व्याप्त महामारी की स्थिति के मद्देनजर यह यात्रा आयोजित करना विवेकपूर्ण नहीं होगा।

बोर्ड द्वारा यह भी निर्णय लिया गया कि प्रथम पूजा और संपन्न पूजा पारंपरिक उत्साह के साथ की जाएगी। यह भी तय किया गया कि बोर्ड शिवलिंग की पूजा और दर्शन को ऑनलाइन प्रसारित करने और दुनियाभर के लाखों भक्तों के लिए अन्य मीडिया के माध्यम से इसकी संभावना तलाशेगा।
 
इस वर्ष अमरनाथ यात्रा 23 जून से प्रस्तावित थी। 42 दिन चलने वाली यह यात्रा 3 अगस्त को रक्षाबंधन के दिन खत्म होनी थी, लेकिन कोरोना के कारण इसके निर्धारित तारीख पर आरंभ होने पर जो शंका पैदा हुई थी, वह अब सच में बदल गई है।

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