केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि शनिवार को उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक में उन्होंने राज्यों से आरटी-पीसीआर जांच की क्षमता का अधिकतम इस्तेमाल सुनिश्चित करने को कहा। उन्होंने यह सुनिश्चित करने पर भी जोर दिया कि रैपिड एंटीजन जांच में लक्षण वाले एक भी मरीज नहीं छूटे और इस तरह के हर मामले में आरटी-पीसीआर जांच कराना जरूरी है।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए हुई बैठक में 12 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेश ने हिस्सा लिया। इस बैठक में महाराष्ट्र, कर्नाटक, आंध्रप्रदेश, उत्तरप्रदेश, तमिलनाडु, ओडिशा, चंडीगढ़, तेलंगाना, केरल, दिल्ली, पंजाब और पश्चिम बंगाल ने हिस्सेदारी की। मंत्रालय ने कहा कि कोविड-19 के करीब 80 प्रतिशत मामले इन राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के हैं।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि वाणिज्य और उद्योग मंत्री ने जिला और स्वास्थ्य केंद्र स्तर पर विश्लेषण करने को कहा और प्रभावी योजना के साथ ही ऑक्सीजन की उपलब्धता संबंधी मुद्दे का समाधान करने को कहा। उन्होंने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से बेहतर तौर-तरीका भी साझा करने को कहा जिसे देश के अन्य राज्य अपना सके।
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव, नीति आयोग में सदस्य (स्वास्थ्य), उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग में सचिव, स्वास्थ्य मंत्रालय, गृह मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों, 12 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों ने भागीदारी की।