क्रॉस कंटामिनेशन। यह एक ऐसा शब्द है जिसे कोरोना के संकट में बेहद अच्छे तरीके से जानना और समझना जरुरी है।
डब्लूएचओ और अन्य हेल्थ मंत्रालयों ने यह जरुर कहा है कि मास्क और हैंड ग्लोव्ज पहनने से कोरोना का खतरा कम होगा। ऐसे में ज्यादातर लोग मास्क और ग्लोव्ज पहनकर अपने आप को सुरक्षित महसूस कर रहे हैं।
लेकिन यह याद रखना होगा कि इन सारी चीजों के बाद भी आपको कोरोना का संक्रमण हो सकता है। दरअसल इसे क्रॉस कंटामिनेशन कहा जाता है।
हाल ही में अमेरिका के मिशिगन की एक नर्स ने क्रॉस कंटामिनेशन को बहुत ही अच्छे तरीके से समझाया है। नर्स मोली लिक्सी का यह वीडियो पर काफी वायरल हो रहा है और पसंद किया जा रहा है।
मोली ने वीडियो में बताया कि उसने अपने हाथ में ग्लोव्ज पहन रखे हैं। लेकिन उसने बताया कि ग्लोव्ज पहनकर हम बाजार जा रहे हैं, सब्जियां खरीद रहे हैं और मोबाइल का इस्तेमाल कर रहे हैं। इस बीच आपको लगता है कि आपने तो ग्लोव्ज पहन रखे हैं तो आप तो सुरक्षित हैं, लेकिन होता यह है कि उसी ग्लोव्ज पहने हाथों से आप कई तरह की चीजें छूते हैं। इसमें मोबाइल, टीवी का रीमोट, अखबार और कई तरह की ऐसी चीजों को छूते हैं।
ऐसे में जो विषाणू अब तक आपके ग्लोव्ज पर जम चुके थे वो क्रॉस कंटामिनेशन होकर घर की दूसरी चीजों में ट्रांसफर हो गए। हमें लगता है कि हमने अपने हाथ बचाकर अपने आप को सुरक्षित कर लिया है, लेकिन जिन ग्लोव्ज को हमने पहना था उन्हीं से हमने कई और चीजों को छूकर संक्रमित कर दिया है। उन्हीं हाथों से हमने अपनी आंखें और मुंह को छू लिया। ऐसे में क्रॉस कंटामिनेशन हो जाता है।
इससे बचने के लिए जरुरी है कि हम अपने हाथों को बार-बार धाएं और चीजों को सैनेटाइज करें।