मरकज के मुताबिक वह चाहता है कि उसके पूरे परिसर को क्वारंटाइन सेंटर के रूप में इस्तेमाल किया जाए। उसने कहा कि जब जनता कर्फ्यू का ऐलान हुआ, तो बहुत सारे लोग मरकज में रह रहे थे। 22 मार्च को प्रधानमंत्री ने जनता कर्फ्यू का ऐलान किया तो उसी दिन मरकज बंद कर दिया गया। बाहर से किसी भी आदमी को नहीं आने दिया गया।
मरकज ने कहा कि जो लोग मरकज में रह रहे थे, उन्हें घर भेजने का इंतजाम किया जाने लगा। 21 मार्च से ही रेल सेवाएं बंद होने लगी थीं इसलिए बाहर के लोगों को भेजना मुश्किल था। इसके बावजूद दिल्ली और आसपास के करीब 1,500 लोगों को घर भेजा गया। करीब 1,000 लोग मरकज में बच गए थे।