आईएमए के अनुसार रामदेव ने कहा कि एलोपैथी दवाएं लेने के बाद लाखों की संख्या में मरीजों की मौत हुई है। हालांकि, हरिद्वार स्थित पतंजलि योगपीठ ने इन टिप्पणियों का खंडन करते हुए उन्हें गलत करार दिया है। हर्षवर्धन ने रामदेव को पत्र लिखकर उनसे एलोपैथी के बारे में दिए गए बयान को वापस लेने के लिए कहा।
उन्होंने कहा कि आपका बयान कोरोना योद्धाओं का अनादर और देश की भावनाओं को आहत करता है। एलोपैथी पर आपका बयान स्वास्थ्यकर्मियों का मनोबल तोड़ सकता है। इससे कोविड-19 के खिलाफ हमारी लड़ाई कमजोर हो सकती है। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि एलोपैथी दवाओं ने करोड़ों लोगों का जीवन बचाया है और यह टिप्पणी बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि इससे लाखों लोगों की जान गई है।
इससे पहले शनिवार को हरिद्वार स्थित पतंजलि योगपीठ ट्रस्ट ने एक बयान जारी कर कहा था कि रामदेव चिकित्सकों और चिकित्साकर्मियों का 'बेहद सम्मान' करते हैं, जो महामारी के ऐसे चुनौतीपूर्ण समय में दिन-रात काम कर रहे हैं।
पतंजलि योगपीठ ट्रस्ट के महासचिव आचार्य बालकृष्ण के हस्ताक्षर वाले बयान में कहा गया, 'स्वामीजी की आधुनिक विज्ञान और आधुनिक चिकित्सा पद्धति से चिकित्सा करने वालों के खिलाफ कोई गलत मंशा नहीं है। उनके खिलाफ जो भी आरोप लगाया जा रहा है, वह गलत व निरर्थक है।' (भाषा)