जब ‘मां’ ने ऑनलाइन देखा अपने 13 साल के बेटे का ‘अंति‍म संस्‍कार’

कोरोना के कहर के दौरान दुनिया को क्‍या-क्‍या नहीं देखना पड़ रहा है। इटली में शवों को दफनाने के ल‍िए जगह नहीं है, तो वहीं पाक‍िस्‍तान में मरने से पहले ही कब्रें खोदी जा रही हैं। वहीं चीन में अंति‍म संस्‍कार के लि‍ए अब मशीनों का प्रयोग क‍िया जा रहा है।

लेक‍िन ब्रिटेन से जो खबर आ रही है, वो और भी चौंकाने वाली है। यह बहुत हैरान और दुखी करने वाली खबर है। दरअसल, ब्रिटेन में एक मां को अपने बेटे का अंतिम संस्कार ‘ऑनलाइन’ देखना पड़ा।

यहां एक मह‍िला साद‍िया का 13 साल का बेटा इस्माइल मोहम्मद अब्दुलवाब कुछ द‍िनों पहले कोरोना वायरस से संक्रमि‍त हो गया था। इसके बाद उसे आइसोलेशन में रखकर उसका इलाज क‍िया जा रहा था।

मीड‍िया र‍िपोर्ट के मुताबिक इलाज के दौरान इस्‍माइल की मौत हो गई। लेकिन उसकी मां और उसके छह भाई-बहन उसे आखिरी बार देख और छू नहीं सके। दरअसल, साद‍िया के घर में दो लोग और भी कोरोना से संक्रमि‍त है, इसल‍िए उन्‍हें तो आइसोलेशन में रखा गया है। लेक‍िन मां साद‍िया के साथ घर के कुछ और सदस्‍य इस्‍माइल को अंति‍म वक्‍त में देखना चाहते थे।

दक्षिण लंदन के ब्रिक्सटन के रहने वाले इस्माइल मोहम्मद अब्दुलवाब की किंग्स कॉलेज अस्पताल में मौत हो गई। मुस्‍लि‍म रीती-रिवाज के मुताबिक पारंपरिक रूप से शव को विशेष प्रार्थना के लिए पहले मस्जिद में ले जाया जाता है, लेकिन चूंक‍ि सभी धार्मिक स्थल बंद हैं, ऐसे में उसके शव को अस्पताल से सीधे कब्रिस्तान के लिए ले जाया गया।

जो कुछ पर‍िजन शवयात्रा में आए थे उन्हें भी शव से दो मीटर की दूरी पर रखा गया। इस्माइल की मां सादिया और उसके छह बच्चे इस्‍माइल को अंति‍म व‍िदाई देना चाहते थे। उसे देखना चाहते थे। लेक‍िन प्रशासन ने उन्हें जाने से रोक दिया। दो अन्‍य लोगों को संक्रमण की वजह से उन्हें बाहर आने की इजाजत नहीं दी गई।

जब उन्होंने बार-बार इस्‍माइल को देखने की व‍िनती की तो उनके लिए अंतिम संस्कार को ऑनलाइन देखने का इंतजाम किया गया।

इस तरह मां सह‍ित पर‍िवार के सभी सदस्‍यों ने इस्‍माइल को ऑनलाइन ही देखा और दफनाने के बाद अंत‍िम विदाई दी।

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