कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए अब देश में फिर से लॉकडाउन नहीं लगाया जाएगा। इस बात के संकेत खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक के दूसरे दिन दे दिए। पीएम ने कहा कि लॉकडाउन के दबाव को मन से बाहर निकालना है और अब हमें अनलॉक के फेज ही ढूंढ़ना है, उसी दिशा में कदम आगे बढ़ाना है। अब राज्यों को यह निर्णय लेना है कि अनलॉक फेज 2 कैसा हो। अब प्रतिबंध कम हो, गतिविधियां बढ़े, राज्य निर्माण एवं अधोसंरचना विकास को प्राथमिकता दें।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि कोरोना के संक्रमण की रोकथाम की कोशिशों के बीच जहाँ भी संभव हो हमें आर्थिक गतिविधियों को तेज करना है। यह खुशी की बात है कि हर राज्य आर्थिक विकास की गतिविधियों को तेजी देने का प्रयास कर रहा है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि हम सब मिलकर कोरोना को हराने एवं भारतीयों का जीवन बचाने के लिए प्रतिबद्ध है तथा निरंतर प्रयासरत है। हमने कोरोना के हालात पर नियंत्रण पाया है। लॉकडाउन के दौरान भारत की जनता ने अनोखा अनुशासन दिखाया है। स्वास्थ्य अधोसंरचना को बढ़ाना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता होना चाहिए। हमें टेलीमेडिसन पर जोर देना होगा। कोरोना के विरूद्ध लड़ाई में यंग वॉलिंटेयर्स तैयार करने होंगे। हमें लोगों को सचेत रखना होगा और जागरूकता बरतनी होगी।
पीएम मोदी से साथ वीडियो कांफेंसिंग में शामिल हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बैठक कि बताया कि प्रदेश में कोरोना संक्रमण की की गति पूरे देश की तुलना में आधी से भी कम है। मध्यप्रदेश की कोरोना संक्रमण ग्रोथ रेट 1.7 प्रतिशत है, वहीं भारत की 3.8 प्रतिशत है। मध्यप्रदेश की डबलिंग रेट 41.1 दिन है जबकि भारत की 19.4 दिन है। वहीं प्रदेश में रिकवरी रेट में आज 73.6 प्रतिशत हो गई है। भारत में कोरोना रिकवरी रेट 52.5 प्रतिशत है।
अनलॉक के बाद कम हुई ग्रोथ रेट - मध्यप्रदेश में अनलॉक-01 के बाद कोरोना की वृद्धि दर में कमी आयी है। 30 मई को मध्यप्रदेश में कोरोना की वृद्धि दर 3.01 प्रतिशत थी जो 16 जून को घटकर 1.7 प्रतिशत रह गई। गत 12 मई को मध्यप्रदेश में कोरोना की वृद्धि दर 3.9 प्रतिशत थी। मध्यप्रदेश के अधिक संक्रमण वाले शहरों इंदौर, भोपाल तथा उज्जैन में कोरोना की ग्रोथ रेट में निरंतर कमी आ रही है। इंदौर की डबलिंग रेट 73.9 दिन, भोपाल की डबलिंग रेट 25 दिन तथा उज्जैन की 49.8 दिन रह गई है।