दिसंबर में आएगी कोरोना की तीसरी लहर, महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री बोले- ऑक्सीजन और ICU की आवश्यकता नहीं पड़ेगी
बुधवार, 24 नवंबर 2021 (19:54 IST)
मुंबई। महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने कहा है कि दिसंबर में कोरोनावायरस (Coronavirus) कोविड-19 महामारी की तीसरी लहर आने की आशंका है, लेकिन इसका प्रभाव हल्का होगा।
स्वास्थ्य मंत्री ने एक न्यूज चैनल से कहा कि तीसरी लहर के दौरान चिकित्सीय ऑक्सीजन और गहन चिकित्सा कक्ष (ICU) के बिस्तरों की जरूरत नहीं होगी। टोपे ने कहा, तीसरी लहर के हल्का होने की संभावना है और चिकित्सीय ऑक्सीजन और आईसीयू बेड की जरूरत नहीं होगी।
कोविड-19 के मौजूदा परिदृश्य के बारे में टोपे ने कहा कि महाराष्ट्र में 80 प्रतिशत नागरिकों का टीकाकरण किया जा चुका है। वर्तमान में संक्रमण का स्तर और मृत्यु दर कम है। स्वास्थ्य विभाग ने मंगलवार को कहा था कि राज्य में पिछले 24 घंटों में कोविड-19 के 766 मामले आए और 19 लोगों की मौत हुई।
राज्य में उपचाराधीन मरीजों की संख्या लगातार तीसरे दिन 10,000 से नीचे रही। महाराष्ट्र में मंगलवार तक संक्रमण के कुल 66,31,297 मामले आए हैं। टोपे ने कहा कि कोरोनावायरस महामारी की पहली लहर सितंबर 2020 में और दूसरी लहर अप्रैल 2021 में आई थी।
टोपे ने कहा कि उन्होंने पिछले हफ्ते केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया से मुलाकात की थी और स्वास्थ्यकर्मियों, अग्रिम पंक्ति के कर्मियों, वरिष्ठ नागरिकों तथा संक्रमण के लिहाज से कमजोर वर्गों के लिए टीके की बूस्टर खुराक देने को लेकर केंद्र की अनुमति मांगी थी। संक्रमण से बचाव के लिए 12 से 18 वर्ष के बच्चों-किशोरों को टीका लगाने की भी मांग की थी।
टोपे ने कहा, मांडविया ने कहा कि वह भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के साथ इस मुद्दे पर चर्चा करेंगे और अवगत कराएंगे। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), दिल्ली के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया ने मंगलवार को कहा था कि देश में कोविड की पहली दो लहर की तुलना में उतनी ही तीव्रता वाली तीसरी लहर आने की आशंका नहीं है।
गुलेरिया ने कहा कि इस समय संक्रमण के मामलों में इजाफा नहीं होना दर्शाता है कि टीके अब भी वायरस से सुरक्षा प्रदान कर रहे हैं और फिलहाल तीसरी बूस्टर खुराक की कोई जरूरत नहीं है। चिकित्सा विशेषज्ञों ने भी कहा है कि दूसरी लहर की तरह विनाशकारी तीसरी लहर की आशंका नहीं है और संभवत: दिसंबर अंत से फरवरी के बीच मामले बढ़ सकते हैं, लेकिन प्रभाव हल्का होगा।(भाषा)