आपने कई हॉलीवुड फिल्मों में देखा होगा कि हीरो या विलेन पलक झपकते ही अंतरिक्ष में पहुंच जाता है। या उसके सोचने भर से उसके सामने एक अत्याधुनिक कार आकर खड़ी हो जाती है। या कुछ ही सेकंड में वो अपने हाथों को गोला बारुद उगलते हुए हथियारों में तब्दील कर देता है।
दरअसल, यह सब फ्यूचर की तकनीक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के नमूने हैं। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस दुनिया में धीरे-धीरे विस्तार ले रही है, लेकिन दुनिया के सबसे अमीर शख्स और SpaceX और Tesla जैसी कंपनियों के मालिक Elon Musk अब इससे भी आगे जाकर सोच रहे हैं। एलन मस्क आर्टिफिशल इंटेलिजेंस और इंसानी दिमाग को एक साथ जोड़ना चाहते हैं। इसके लिए उनकी कंपनी Neuralink Chip तकनीक पर काम कर रही है।
रिपोर्ट की माने तो इस तकनीक से मनुष्य की दुनिया पूरी तरह से बदल जाएगी। अभी हम किसी भी तरह का डिवाइस चलाने के लिए अपनी उंगलियों, हाथों, आंखों आदि का इस्तेमाल करते हैं, दावा किया जा रहा है कि एलन मस्क की ये चिप आ गई तो बोलने की जरूरत ही खत्म हो जाएगी।
कैसे काम करेगी Neuralink तकनीक?
जहां तक इस तकनीक के काम करने की बात है तो बता दें कि Neuralink दो तरह के डिवाइस तैयार कर रही है। पहली सिक्के के आकार की एक चिप है, जिसे इंसान के सिर में लगाया जाएगा। इससे बालों से भी पतले तार निकलेंगे। इसमें लगे 1024 इलेक्ट्रोड दिमाग के अलग-अलग हिस्सों तक जाएंगे। इनसे मिला डेटा चिप के जरिए कंप्यूटर्स तक जाएगा। इस चिप के अलावा एक रोबॉट होगा, जो एक सुई की मदद से Neuralink चिप से निकलने वाले तार इंसान के दिमाग में सिलेगा। बता दें कि पिछली जनवरी में एक सूअर के अंदर इस चिप को डालकर उसका इस्तेमाल किया गया था।
कब ये तकनीक होगी साकार?
एलन मस्क 2020 तक ब्रेन चिप का ह्यूमन ट्रायल शुरू करने के लिए मंजूरी चाहते थे।
अब तक ह्यूमन ट्रायल को मंजूरी नहीं मिल सकी।
यह योजना से 2 साल पीछे चल रही है।
अब उन्होंने अगले 6 महीने में इसे पूरा करने का दावा किया है।
अगर एलन मस्क का ये सपना साकार होता है तो मनुष्य की दुनिया में बहुत बदलाव हो सकते हैं, हालांकि विशेषज्ञों को आशंका है कि इस तकनीक से मनुष्य जीवन में खतरे भी बहुत पैदा हो जाएंगे। हालांकि यह तकनीक आने के बाद ही पता चल सकेगा कि इसके क्या फायदे और क्या खतरे हैं।