फुटबॉल विश्वकप सितारों का विश्वकप होता है। हर टीम से एक सितारा उसके प्रदर्शन का बोझ ढोता है। कई बार ऐसा देखने को मिला है कि सितारा चमका तो टीम भी चमकी, सितारा डूबा तो टीम बाहर। इस बार भी फीफा विश्व कप में पांच ऐसे सितारे हैं जिनपर फुटबॉल प्रेमियों की नजर पड़ी रहेगी।
क्रिस्टियानो रोनाल्डो (पुर्तगाल) : क्रिस्टियानो रोनाल्डो के शानदार सफर की शुरुआत हुई 2006 फुटबॉल विश्वकप में जिसमें उन्होंने सात गोल किए थे और दूसरे नंबर पर रहे थे। उन्हें सर्वश्रेष्ठ युवा खिलाड़ी का खिताब भी मिला। रोनाल्डो का क्लब करियर काफी शानदार रहा है। 149 मैचों में पुर्तगाल के लिए रोनाल्डो ने 81 गोल दागे हैं और अपने चौथे विश्व कप में उन पर पुर्तगाल को विजेता बनाने की जिम्मेदारी है।
लियोन मेसी (अर्जेंटीना) : विश्व विख्यात अर्जेंटीना के स्टार खिलाड़ी लियोन मेसी का एकमात्र सपना अपनी टीम को फुटबॉल विश्व कप विजेता बनाना है। 124 अंतरराष्ट्रीय मुकाबलों में 64 गोल दाग चुके मेसी सिर्फ खिलाड़ी ही नहीं अर्जेंटीना की सबसे बड़ी उम्मीद भी हैं। मेसी को पहली बार साल 2006 विश्व कप में खेलने का मौका मिला। वह अब तक तीन विश्व कप खेल चुके हैं और चौथे विश्व कप में उनके सामने कड़ी परीक्षा होगी, क्योंकि यह उनका आखिरी विश्व कप भी हो सकता है।
नेमार (ब्राजील) : नेमार साल 2010 से ब्राजील की राष्ट्रीय फुटबॉल टीम में शामिल हुए। साल 2014 को दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ एक मैच में उन्होंने तीन गोल दाग दिए। यहीं से फुटबॉल की दुनिया ने उन्हें स्टार के तौर पर पहचाना । विश्व कप 2014 में वह तीसरे सबसे ज्यादा गोल करने वाले खिलाड़ी बने थे और उन्होंने ब्रांज शू का खिताब मिला था। नेमार अब तक खेले 83 मैचों में वह 53 गोल कर चुके हैं। इस बार वह फिटनेस की समस्या से जूझ रहे हैं।
रॉबर्ट लेवांदोवोस्की (पोलैंड) : विश्व के तीन शीर्ष स्ट्राइकरों में शुमार रॉबर्ट लेवांदोवोस्की अपने देश को विश्व कप का खिताब जिताने के लिए पूरी कोशिश करेंगे। खासियत यह है कि रॉबर्ट दोनों पैरों से किक लगा सकते हैं। यही नहीं कप्तान के रूप में भी वह अपनी टीम को जिताने के लिए तैयार हैं। अभी तक वह अपने करियर के 91 मैचों में 51 गोल कर चुके हैं। यह आकंड़े उनकी छवि बताने के लिए काफी हैं।
हैरी केन (इंग्लैंड) : यह कहना गलत नहीं होगी कि हैरी केन के कंधों पर ही इंग्लैंड को विश्व कप खिताब दिलाने का दारोमदार है। हैरी इंग्लैंड के कप्तान भी हैं, इसलिए खुद के खेल के साथ टीम की रणनीति भी बनानी है। उनकी गोल पर नजरें और गोल करने की असाधारण क्षमता उन्हें अपनी टीम के दूसरे खिलाडिय़ों से अलग खड़ा करती है। हैरी ने इंग्लैंड के लिए अब तक 23 मुकाबले खेले हैं, जिनमें वह 12 गोल दाग चुके हैं।