Ganesh Chaturthi 2025: बाजार से यदि आप भगवान गणेशजी की प्रतिमा लाकर घर में स्थापित कर रहे हैं तो उससे पहले गणेशजी का घर में मंगल प्रवेश कराया जाता है। इसी तरह लाकर स्थापित नहीं करते हैं। मंगल प्रवेश के बाद मध्याह्न काल में मुहूर्त देखकर मूर्ति को स्थापित किया जाता है। यदि गणेश जी को प्रसन्न करना है तो प्रसन्नतापूर्वक और विधि-विधिपूर्वक श्री गणेश जी का घर में मंगल प्रवेश होना चाहिए। आओ जानते हैं कि किस तरह कराते हैं मंगल प्रवेश। याद रहे कि 27 अगस्त को गणेश स्थापना और गणेश विसर्जन 6 सितम्बर 2025 शनिवार को होगा।
स्थापना से पहले गणपति जी का घर में मंगल प्रवेश:
1. सबसे पहले आप श्री गणेश जी के आगमन के पूर्व घर-द्वार, घर के मंदिर को सजाया जाता है और जहां गणेश जी को स्थापित किया जाएगा, उस जगह की साफ-सफाई करके कुमकुम से स्वस्तिक बनाएं और हल्दी से 4 बिंदी बनाएं।
2. फिर एक मुट्ठी अक्षत रखें और इस पर छोटा बाजोट, चौकी या लकड़ी का एक पाट रखकर उस पर पीला, लाल या केसरिया वस्त्र बिछाएं। मतलब यह कि स्थापित करने वाली जगह को पहले से ही सजाकर रखें, साथ ही पूजा और आरती का सामान भी पहले से ही खरीद कर रख लें।
3. बाजार जाने से पहले नवीन वस्त्र धारण करें, सिर पर टोपी या साफा बांधें, रुमाल भी रखें। पीतल या तांबे की थाली साथ में ले जाएं, नहीं तो लकड़ी का पाट ले जाएं जिस पर गणेश जी विराजमान होकर हमारे घर में पधारेंगे। इसके साथ ही घंटी और मंजीरा भी ले जाएं।
4. श्री गणेश जी की मूर्ति खरीदते समय यह ध्यान रखें कि गणेश जी की प्रतिमा बैठी हुई हो, उनके साथ वाहन चूहा तथा रिद्धि सिद्धि हो और सफेद या सिंदूरी रंग की प्रतिमा हो, सूंड बाएं तरफ हो, पितांबर या लाल परिधान पहने हुए हो और लड्डू का थाल हो इन बातों का ध्यान रखते हुए ही मूर्ति खरीदना उचित रहता है।
5. बाजार जाकर जो भी गणेश जी को पसंद आए उसका मोलभाव न करें, उन्हें आगमन के लिए निमंत्रित करके दक्षिणा दे दें।
6. फिर गणेश जी की प्रतिमा को धूमधाम से घर के द्वारा पर लाएं और द्वार पर ही उनकी आरती उतारें।
7. यदि याद है तो मंगल गीत गाएं या शुभ मंत्रों का उच्चारण करें अथवा बोलें।
8. इसके बाद गणपति बप्पा के नारे लगाते हुए उन्हें घर के अंदर ले आएं और प्रसन्नचित्त होकर पहले से तैयार कि गए स्थान पर विराजित कर दें।
9. मंगल प्रवेश के बाद विधिवत पूजा और आरती करें।
10. माना जाता है कि इस तरीके से किए गए श्री गणेश के मंगल प्रवेश से जीवन के सभी तरह के विघ्न दूर होकर जीवन में भी मंगल ही मंगल होता है, क्योंकि गणेशजी विघ्नहर्ता और मंगलकर्ता माने गए हैं।