Ganga Dussehra 2024: उत्तरखंड के गंगोत्री नाम स्थान को गंगा का उद्गम माना गया है। सर्वप्रथम गंगा का अवतरण होने के कारण ही यह स्थान गंगोत्री कहलाया। किंतु वस्तुत: उनका उद्गम 18 मील और ऊपर श्रीमुख नामक पर्वत से है। वहां गोमुख के आकार का एक कुंड है जिसमें से गंगा की धारा फूटी है। यहां से निकलकर गंगा कई धाराओं में विभक्त होने के बाद हरिद्वार में संगम होता है यहां से वह संपूर्ण उत्तर प्रदेश, बिहार और बंगाल होते हुए बंगाल की खाड़ी में जहां विलिन होती है उसे गंगा सागर कहते हैं।
कहां है गंगासागर तीर्थ : गंगासागर तीर्थ पश्चिम बंगाल में दक्षिण 24 परगना जिले के सागर आईलैंड को गंगासागर कहते हैं। गंगासागर बंगाल की खाड़ी के कॉण्टीनेण्टल शैल्फ में कोलकाता से 150 किलोमीटर दक्षिण में एक द्वीप है। यात्री कोलकाता से नाव से गंगा सागर जाते हैं। हिन्दू पौराणिक ग्रंथों में बंगाल की खाड़ी को महोदधि कहा गया है। मध्यकाल में इसे 'गंगा की खाड़ी' कहा जाता था। कालांतर में इसे बंगाल क्षेत्र के नाम पर बंगाल की खाड़ी नाम मिला। गंगा, ब्रह्मपुत्र, कावेरी, गोदावरी और स्वर्णरेखा आदि कई नदियां इसी में विसर्जित हो जाती है। बंगाल की खाड़ी में मिलकर गंगा, ब्रह्मपुत्र एवं मेघना विश्व का सबसे बड़ा डेल्टा सुंदरबन बनाती हैं जो भारत के पश्चिम बंगाल एवं बांग्लादेश में आता है। गंगासागर भारत के पश्चिम बंगाल राज्य में स्थित है।
गंगासागर तीर्थ दर्शन का महत्व : कहते हैं कि सारे तीरथ बार बार, गंगासागर एक बार। यहां पर मकर संक्रांति के दिन मेला लगता है। ऐसा कहा जाता है कि जो लोग इस जगह के दर्शन कर लेते है, वो बहुत भाग्यशाली होते हैं।
कैसे पहुंचे गंगा सागर : बस, ट्रेन या हवाई जहाज के माध्यम से भारत के किसी भी बड़े शहर से भारत के पश्चिम बंगाल राज्य की राजधानी कोलकाता पहुंचने के बाद गंगासागर जाने के लिए ट्रेन, बस और हाउस बोट का उपयोग कर सकते हैं। कोलकाता के बस स्टेंड से आपको नामखाना जगह के लिए बस से जाना होगा। वहां से अन्य साधन का उपयोग करें। हाउस बोट, स्टीमर या क्रूज से आप यहां बहुत जल्दी पहुंच सकते हैं। जल जहाज से आप कचुबेरिया आइसलैंड तक जाना होगा। यहां से आपको करीब 4 घंटे की यात्रा करनी होगी। आइसलैंड जाने के बाद गंगा सागर की दूरी सिर्फ 30 किमी की रहती हैं।