बात बात पर खा लेते हैं पेरासिटामोल, तो हो जाएं सावधान

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paracetamol side effects
साधारण बुखार आने पर भी हम अक्सर पेरासिटामोल का सेवन करते हैं। पेरासिटामोल बुखार के असर को कम करने के लिए एक बेहतरीन दवा मानी जाती है। अक्सर डॉक्टर भी बुखार या दर्द की समय में पेरासिटामोल ही प्रिस्क्राइब करते हैं। कई लोग डॉक्टर की बिना सलाह के भी पेरासिटामोल का सेवन करते हैं। साथ ही कई लोगों को छोटी-छोटी बीमारियों के लिए पेरासिटामोल खाने की आदत होती है। आपको पूरी और सही जानकारी के बिना इसका सेवन बिना डॉक्टर की सलाह से नहीं करना चाहिए। चलिए जानते हैं पेरासिटामोल के सेवन का सही तरीका क्या है...
 
क्या है पेरासिटामोल?
पेरासिटामोल एक प्रकार की दवाई है जिसे माइल्ड फीवर या दर्द के समय इस्तेमाल किया जाता है। पेरासिटामोल दर्द को जड़ से खत्म नहीं करती है बल्कि दर्द के एहसास को कम करती है। साथ ही बुखार आने पर पेरासिटामोल के सेवन से आपके शरीर का तापमान कम हो जाता है। इसका असर 4-6 घंटे के बीच रहता है। इसके अलावा पेरासिटामोल को इन कारणों की वजह से भी इस्तेमाल किया जाता है;
जाने पेरासिटामोल की सही खुराक
अमेरिकी गाइडलाइन के अनुसार एक एडल्ट को 325-650 mg तक की पेरासिटामोल का सेवन करना चाहिए। इस दवा को 4-6 घंटे के बीच के अंतराल में लेना चाहिए क्योंकि एक खुराक का असर करीब 4-6 घंटे के बीच ही रहता है। गाइडलाइन के अनुसार बुखार में 500 एमजी पेरासिटामोल को 6 घंटे के बाद ही लेना चाहिए।

छोटे बच्चे को पेरासिटामोल देते समय बहुत सतर्कता रखनी चाहिए। छोटे बच्चे को 10-15 mg की खुराक 6 घंटे के समय में देना चाहिए। दर्द की परेशानी को खत्म करने के लिए 500 एमजी की दवा 4 से 6 घंटे के अंतराल पर लेनी चाहिए। वहीं छोटे बच्चे को 10 से 15 एमजी प्रति किलोग्राम शरीर के वजन के हिसाब से 6 से 8 घंटे के बीच लेनी चाहिए।

 
कब नहीं लेनी चाहिए पेरासिटामोल
गाइडलाइन्स के अनुसार अगर आप 3 दिन से लगातार पेरासिटामोल ले रहे हैं और बुखार नहीं उतर रहा है तो आपको इसका सेवन नहीं करना चाहिए। किसी भी तरह के दर्द में 10 दिन से ज्यादा पेरासिटामोल नहीं लेनी चाहिए। साथ ही अगर आपको लीवर, किडनी, अल्कोहल और अंडर वेट की समस्या है तो आपको डॉक्टर की सलाह के बिना इसका सेवन नहीं करना चाहिए।
 
क्या हैं पेरासिटामोल के साइड इफेक्ट्स
ज्यादा पेरासिटामोल के सेवन से आपको साइड इफेक्ट्स भी हो सकते हैं। आपको एलर्जी, स्किन पर रेशेज या ब्लड डिसऑर्डर जैसी परेशानी हो सकती है। इसके साथ ही  पेरासिटामोल  के गलत इस्तेमाल से लिवर और किडनी डैमेज होने का खतरा भी रहता है।  पेरासिटामोल  के ओवरडोज से डायरिया, ज्यादा पसीना, भूख की कमी, बेचैनी, उल्टी, पेट में दर्द, सूजन, दर्द, पेट में मरोड़ जैसी समस्या भी हो सकती है।
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