कला और कविता के माध्यम से किताब बयां करेगी गांधी की कहानी
हार्पर कॉलिन्स की नई किताब संतति: महात्मा गांधी, तब, अब और आगे’ 2 अक्टूबर को होगी प्रकाशित
अंग्रेजी में नवकीरत सोढी द्वारा लिखी इस किताब का हिंदी अनुवाद लवीना बालदोटा ने किया है।
महात्मा गांधी के जीवन-दर्शन और उनके सिद्धांत को लेकर अब तक कई किताबें लिखीं जा चुकी हैं। उन्हें कई तरह से याद किया गया और जाना-पहचाना गया। गांधी को याद रखने का कोई एक कारण नहीं है, वे कई तरह से दुनिया में लोगों के मानस पटल पर अंकित हैं। लेकिन गांधी या उनके जीवन को शायद ही अब तक किसी ने कला और कविता के माध्यम से याद किया हो या उन्हें श्रद्धांजलि दी हो।
हार्पर कॉलिन्स पब्लिकेशन से प्रकाशित एक नई किताब ‘संतति’ में गांधी को कुछ इसी तरह याद किया गया है। कला और कविता की दृष्टि से। यह किताब अपनी तरह का पहला आर्ट कलेक्शन है, जिसमें कलाकारों ने अपनी तरह से गांधी को अभिव्यक्त किया है।
लेखक नवकीरत सोढी
यह शायद पहला और अपनी तरह का अनुठा अनुभव होगा, जब गांधी को कला और कविता से जोड़ा जा रहा है, आर्ट से गांधी का संबंध जोड़ा गया हो।
किताब से जुड़े लेखक और अनुवादक बताते हैं कि यह किताब एक यात्रा की तरह है। एक ऐसी यात्रा जो गांधी के संदेश, उनके सिद्धांत और उनके जीवन दर्शन के अब तक के प्रभाव पर रोशनी डालती है और उस प्रभाव को बेहद ही खूबसूरत तरीके से बयान करती है। महात्मा गांधी की 150वीं वर्षगांठ के मौके पर यह किताब और भी अहम हो जाती है।
‘संतति’ ‘महात्मा गांधी तब, अब और आगे’ शीर्षक से 2 अक्टूबर को आ रही इस किताब को लेखक और कवियत्री नवकीरत सोढी ने लिखा है। इसका हिंदी अनुवाद लवीना बालदोटा ने किया है। बताया जाता है कि लवीना ने जब पहली बार इस किताब के कॉन्सेप्ट को इसकी लेखक नवकीरत से साझा किया तो उन्हें यह अनोखा आइडिया बेहद पसंद आया, इसके बाद कई अहम लोग और संस्थान-प्रतिष्ठान इससे जुड़ते गए। इसके बाद गांधी के नाम के साथ आर्ट और डिजाइन का यह एक बेहद खास दस्तावेज बन गया।
इस किताब को कला, चित्र और कविता के जरिए दर्शाई गई महात्मा गांधी की यात्रा या उनकी प्रदर्शनी कहा जाए तो शायद गलत नहीं होगा।
हार्पर कॉलिन्स से आ रही यह किताब 2 अक्टूबर से हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में उपलब्ध होगी।