4 अगस्त को तुलसी जयंती के अवसर शासकीय नर्मदा महाविद्यालय नर्मदापुरम् में हिन्दी विभाग द्वारा 'तुलसी साहित्य: भक्ति, दर्शन और सामाजिकता' विषय पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इसमें कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलित एवं सरस्वती पूजन से किया गया। छात्रा रितु और नंदिनी ने सरस्वती वंदना और स्वागत गीत प्रस्तुत किए।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सांसद प्रतिनिधि मनीष परदेसी और विशिष्ट अतिथि दिनेश चौकसे विधायक प्रतिनिधि रहे तथा अध्यक्षता प्राचार्य डॉ. ओ.एन. चौबे ने की। उन्होंने श्रीराम के सामाजिक जीवन पर अपना वक्तव्य केंद्रित किया कि किस प्रकार वनवास में श्रीराम ने जंगलों में घूम-घूम कर दलितों, शोषितों एवं दुखियों का उत्थान किया और अपना मित्र बनाया।
व्याख्यानमाला के साथ जय सिंह ठाकुर संगीत शिक्षक एवं उनके विद्यार्थियों द्वारा भजनांजली का प्रस्तुतीकरण भी किया गया। जिससे कार्यक्रम में दिव्यता और मधुरता बनी रही। विषय प्रवर्तन में विभागाध्यक्ष डॉ. के.जी. मिश्र ने तुलसी साहित्य पर प्रकाश डालते हुए बताया कि उनका साहित्य समाज को एक नई दिशा के साथ सामंजस्य प्रदान करता है।
दर्शनशास्त्र की विभागाध्यक्ष डॉ. विनीता अवस्थी ने तुलसी जी के नवधा भक्ति के बारे में बताते हुए कहा कि श्रीराम पूर्णता का प्रतिपादन करते हैं। डॉ. हंसा व्यास, डॉ. अमिता जोशी ने भी वर्तमान में श्रीरामचरितमानस के मूल्यों को जीवन में उतारने, भारतीय संस्कृति अध्यात्म तथा धर्मग्रंथों के अनुसार जीवन जीने की कला को सीखने की ओर प्रेरित किया।
छात्र मनीष कटारे और उमेश सैनी ने भी अपने विचार प्रस्तुत किए। कार्यक्रम का संचालन डॉ. अंजना यादव ने और आभार डॉ. रूपा भावसार तथा प्रतिवेदन डॉ. प्रीति कौशिक ने किया । डॉ. एस.सी. हर्णे, डॉ. सुधीर दीक्षित, डॉ. ममता गर्ग, डॉ. सविता गुप्ता, डॉ. नीलू दुबे, डॉ. अर्पणा श्रीवास्तव, अमित दीक्षित सहित जुगलकिशोर, राहुल कीर, आकाश अहिरवार, मयंक शर्मा, जतिन सेनी, अक्षत विजयवर्गीय, यश दुबे, मोहित बैरागी तथा अत्यधिक संख्या में विद्यार्थी उपस्थित रहे।