पश्चिमी देशों में इस बात को लेकर बेहद चिंता है क्योंकि यह दुनिया में अब तक सेना के साथ सबसे बड़ा एक्सपेरिमेंट माना जा रहा है। रक्षा क्षेत्र के विशेषज्ञ और मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, आर्टिफिशियल एंटेलिजेंस टेक्नोलॉजी के जरिए चीन के सैनिकों के दिमाग को पढ़ा जा रहा है, मिशन पर भेज कर युद्धक्षेत्र में उनके ब्रेन की एक्टिविटी और इमोशन्स की निगरानी की जा रही है।
चीन की आर्मी टेक्नोलॉजी के जरिए सैनिकों के दिमाग और भावनाओं की निगरानी कर रही है जिसे समझ कर चीन अपने सैनिकों को उनकी कमजोरी और क्षमताओं पर ध्यान देगा। यही नहीं AI की बदौलत चीन अपने सैनिकों को सर्विलांस नेटवर्क, फेशियल रिकॉग्नीशन और जियो लोकेशन, इंटरनेट और कई तरह के सेंसर के जरिए सुपर सोल्जर बनाने में लगी है।