China sent its lunar mission : चीन (China) ने चंद्रमा के दूरस्थ हिस्से से पहली बार नमूने एकत्र करने और वैज्ञानिक अध्ययन के लिए उन्हें पृथ्वी पर लाने के मकसद से शुक्रवार को एक चंद्र अन्वेषण अंतरिक्ष यान (Space ship) को रवाना किया। चाइना नेशनल स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (CNSA) के अनुसार चांग-6 मिशन पृथ्वी के कभी सम्मुख नहीं आने वाले चंद्रमा के दूरस्थ हिस्से से नमूने एकत्र करेगा और उन्हें लेकर पृथ्वी पर लौटेगा।
चंद्रमा पर मानव अन्वेषण के इतिहास में ऐसा पहली बार : चंद्रमा पर मानव अन्वेषण के इतिहास में ऐसा पहली बार किया जा रहा है। चांग चंद्र अन्वेषण का नाम चीन की पौराणिक देवी के नाम पर पड़ा है। चीन के चंद्र मिशन को लॉन्ग मार्च-5 वाई8 रॉकेट के जरिए अंजाम दिया जा रहा है। यह रॉकेट चीन के हैनान प्रांत के तट पर स्थित वेंचांग अंतरिक्ष प्रक्षेपण स्थल से प्रक्षेपित किया गया।
धूल और चट्टानों के नमूने एकत्र कर पृथ्वी पर लाएंगे : इस मिशन के जरिए चंद्रमा पर धूल और चट्टानों के नमूने एकत्र करने के बाद उन्हें वापस पृथ्वी पर लाया जाएगा। सीएनएसए ने इससे पहले कहा था कि मिशन का उद्देश्य स्वचालित तरीके से नमूने एकत्र करना और फिर चंद्रमा के दूरस्थ हिस्से से उन्हें लेकर लौटने जैसी प्रमुख प्रौद्योगिकियों में सफलता हासिल करना है।
चीन ने अतीत में चंद्रमा पर मानवरहित मिशन भेजे हैं : अंतरिक्ष की एक बड़ी शक्ति चीन ने अतीत में चंद्रमा पर मानवरहित मिशन भेजे हैं जिनमें एक रोवर उतारना भी शामिल है। चीन ने मंगल ग्रह पर भी रोवर भेजे हैं। इससे पहले चीन ने 2030 तक चंद्रमा पर अंतरिक्ष यात्री को उतारने की अपनी योजना की घोषणा की थी।
भारत, चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास रोवर उतारने वाला पहला देश : भारत, चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास रोवर उतारने वाला पहला देश है। पिछले साल भारत का चंद्रयान-3 लैंडर और प्रज्ञान रोवर वहां सफलतापूर्वक उतरा था। पृथ्वी के सम्मुख कभी न आने वाला चंद्रमा का दूरस्थ हिस्सा रेडियो खगोल विज्ञान एवं अन्य वैज्ञानिक कार्य के लिए काफी उपयोगी है। चूंकि दूरस्थ हिस्सा कभी भी पृथ्वी के सम्मुख नहीं आता इसलिए संचार संपर्क रखने के लिए एक रिले उपग्रह की जरूरत पड़ती है।(भाषा)