पूर्वी काठमांडू में कर्फ्यू हटाया गया, 100 से अधिक राजशाही समर्थक प्रदर्शनकारियों को किया गिरफ्तार

वेबदुनिया न्यूज डेस्क

शनिवार, 29 मार्च 2025 (10:51 IST)
Nepal violence: नेपाल में प्राधिकारियों ने काठमांडू (Kathmandu) के पूर्वी हिस्से में सुरक्षाकर्मियों और राजशाही समर्थक प्रदर्शनकारियों के बीच हुई हिंसक झड़पों के बाद लगाया गया कर्फ्यू (curfew) क्षेत्र में तनाव कम होने के बाद शनिवार को हटा दिया। काठमांडू के कुछ हिस्सों में शुक्रवार को उस समय तनाव पैदा हो गया था, जब राजशाही (Monarchy) समर्थक प्रदर्शनकारियों ने पथराव किया था, एक राजनीतिक पार्टी के कार्यालय पर हमला कर दिया था, कई वाहनों में आग लगा दी थी तथा राजधानी के तिनकुने क्षेत्र में दुकानों में लूटपाट की थी।ALSO READ: नेपाल में राजशाही के समर्थन में प्रदर्शन, हिंसा भड़की, 2 की मौत, कर्फ्यू लगाया
 
सुरक्षाकर्मियों और राजशाही समर्थक प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प में एक टीवी कैमरामैन समेत 2 लोगों की मौत हो गई है। बाद में स्थिति को नियंत्रित करने के लिए सेना को बुलाया गया था। काठमांडू जिला प्रशासन कार्यालय द्वारा जारी नोटिस के अनुसार शुक्रवार अपराह्न 4 बजकर 25 मिनट से लगाया गया कर्फ्यू शनिवार सुबह 7 बजे हटा लिया गया।
 
105 प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया : पुलिस ने हिंसक प्रदर्शन के दौरान मकानों को जलाने और वाहनों में तोड़फोड़ करने के आरोप में 105 प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया है। प्रदर्शनकारी राजशाही की बहाली और हिंदू राष्ट्र की मांग कर रहे थे। विरोध प्रदर्शन के संयोजक दुर्गा प्रसाई के सुरक्षा बैरिकेड तोड़कर बुलेटप्रूफ वाहन पर सवार होकर बानेश्वर की ओर बढ़ने के बाद प्रदर्शन हिंसक हो गया। बानेश्वर में संसद भवन स्थित है। गिरफ्तार किए गए लोगों में राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी के महासचिव धवल शमशेर राणा और पार्टी के केंद्रीय सदस्य रवीन्द्र मिश्रा शामिल हैं। काठमांडू जिला पुलिस रेंज के पुलिस अधीक्षक अपिल बोहरा ने बताया कि शुक्रवार के हिंसक प्रदर्शन के पीछे मुख्य व्यक्ति प्रसाई अब भी फरार है।ALSO READ: राजशाही की मांग से हिला नेपाल, योगी आदित्यनाथ का क्या है कनेक्शन?
 
कांतिपुर टेलीविजन भवन और ‘अन्नपूर्णा मीडिया हाउस’ पर भी हमला : पुलिस ने बताया कि शुक्रवार की घटना में 53 पुलिसकर्मी, सशस्त्र पुलिस बल के 22 जवान और 35 प्रदर्शनकारी घायल हुए हैं। हिंसक प्रदर्शनों के दौरान 14 इमारतों में आग लगा दी गई और 9 इमारतों में तोड़फोड़ की गई। इसके अलावा 9 सरकारी वाहनों को आग लगा दी गई और 6 निजी वाहनों में तोड़फोड़ की गई। प्रदर्शनकारियों ने तिनकुने इलाके में कांतिपुर टेलीविजन भवन और ‘अन्नपूर्णा मीडिया हाउस’ पर भी हमला किया।ALSO READ: नेपाल में भी हिन्दुत्व का चेहरा बने योगी, राजशाही की वापसी के लिए लाखों हिन्दू सड़कों पर उतरे
 
नेपाल के राजनीतिक दलों ने 2008 में संसद की घोषणा के माध्यम से 240 साल पुरानी राजशाही को समाप्त कर करके तत्कालीन हिंदू राष्ट्र को एक धर्मनिरपेक्ष, संघीय, लोकतांत्रिक गणराज्य में बदल दिया था। राजशाही समर्थक तब से राजशाही की बहाली की मांग कर रहे हैं, जब से पूर्व नरेश ने लोकतंत्र दिवस (19 फरवरी) पर प्रसारित अपने वीडियो संदेश में समर्थन की अपील की थी। राजशाही समर्थक कार्यकर्ताओं ने नौ मार्च को भी पूर्व नरेश ज्ञानेंद्र शाह के समर्थन में उस समय एक रैली की थी जब वह देश के विभिन्न हिस्सों में धार्मिक स्थलों का दौरा करने के बाद पोखरा से त्रिभुवन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उतरे थे।(भाषा)
 
Edited by: Ravindra Gupta

वेबदुनिया पर पढ़ें

सम्बंधित जानकारी