चीख-पुकार, हिलती इमारतें, धुल का गुबार, हजारों के मरने की आशंका, भूकंप से तबाही की आंखों देखी

वेबदुनिया न्यूज डेस्क

शुक्रवार, 28 मार्च 2025 (23:46 IST)
Earthquake in Myanmar and Thailand: म्यांमार में शुक्रवार को 7.7 तीव्रता का शक्तिशाली भूकंप आया। भूकंप के झटके म्यांमार, थाईलैंड के अलावा चीन, भारत और बांग्लादेश और चीन में महसूस किए गए। म्यांमार और थाईलैंड में भूकंप के कारण काफी तबाही हुई है। वहीं भारत, चीन और बांग्लादेश में भी लोग भूकंप के चलते दहशत में रहे। म्यांमार और थाईलैंड में 150 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई। अकेले म्यांमार में 140 से ज्यादा लोगों की मौत हुई है, जबकि 700 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। भूकंप इतना शक्तिशाली था कि थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक में एक 33 मंजिला निर्माणाधीन इमारत ताश के पत्तों की तरह ढह गई। 24 घंटे के भीतर और भी झटके आने की आशंका व्यक्त की गई है। डेलीमेल की रिपोर्ट के मुताबिक भूकंप में हजारों लोगों के मरने की आशंका है।
 
म्यांमार में 144 की मौत : म्यांमार में कम से कम 144 लोगों की मौत हुई है। यहां के दो सबसे ज्यादा प्रभावित शहरों से ली गई तस्वीरों और वीडियो में भारी नुकसान दिख रहा है। थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक एक निर्माणाधीन बहुमंजिला इमारत के ढह जाने से कम से कम 10 लोगों की मौत हो गई। भूकंप का केन्द्र म्यांमार दूसरे सबसे बड़े शहर मांडले के निकट था। इसके बाद 6.4 तीव्रता का एक और शक्तिशाली झटका महसूस किया गया।
 
संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुतारेस ने कहा कि विश्व निकाय म्यांमार की अंतरराष्ट्रीय मदद की अपील पर प्रतिक्रिया देने के लिए तैयार है। भूकंप से मौतों, हताहतों और विनाश को लेकर पूरी तस्वीर अबतक स्पष्ट नहीं है, खास तौर पर म्यांमा में, जो दुनिया के सबसे गरीब देशों में से एक है। यह गृहयुद्ध में उलझा हुआ है और यहां सूचना पर कड़ा नियंत्रण है। म्यांमार के वरिष्ठ जनरल मिन आंग ह्लाइंग ने कहा कि मृतकों और घायलों की संख्या बढ़ने की आशंका है।
 
टूटी-फूटी सड़कें, क्षतिग्रस्त राजमार्ग : राजधानी नेपीता से प्राप्त तस्वीरों में दिखाई दे रहा है कि भूकंप के कारण सरकारी कर्मचारियों के आवास वाली कई इमारतें क्षतिग्रस्त हो गई हैं, तथा बचाव दल मलबे से पीड़ितों को निकाल रहे हैं। म्यांमार की सरकार ने कहा कि सबसे ज्यादा प्रभावित इलाकों में खून की बहुत अधिक जरूरत है। मांडले में टूटी-फूटी सड़कें और क्षतिग्रस्त राजमार्गों के साथ-साथ पुल और बांध के ढहने की तस्वीरें इस बात को लेकर और भी चिंता पैदा करती हैं कि बचाव दल पहले से ही व्यापक मानवीय संकट से जूझ रहे देश के कुछ इलाकों तक कैसे पहुंच पाएंगे। अंतरराष्ट्रीय बचाव समिति के म्यांमार निदेशक मोहम्मद रियास ने कहा कि भूकंप से हुई तबाही को जानने में हमें कई सप्ताह लग सकते हैं।
 
33 मंजिला इमारत धूल के गुबार में तब्दील : सोशल मीडिया पर प्रसारित एक तस्वीर में दिखाई दे रहा है कि बैंकॉक चतुचक बाजार के पास एक निर्माणाधीन 33 मंजिला इमारत, जिसके ऊपर एक क्रेन रखी हुई थी, धूल के गुबार में तब्दील हो गई। भूकंप के तुरंत बाद अफरा-तफरी का माहौल देखने को मिला। चेतावनी सायरन की आवाज पूरे मध्य बैंकॉक में गूंज उठी और सड़कों पर वाहनों की संख्या बढ़ गई, जिससे शहर की पहले से ही भीड़भाड़ वाली कुछ सड़कों पर जाम जैसी स्थिति हो गईं। ‘एलिवेटेड रैपिड ट्रांजिट सिस्टम’ और सबवे को बंद कर दिया गया।
 
जिस क्षेत्र में झटका महसूस किया गया वह भूकंप के लिहाज से संवेदनशील है, लेकिन भूकंप आमतौर पर इतने बड़े स्तर पर नहीं आते हैं और थाईलैंड की राजधानी में उन्हें महसूस किया जाना दुर्लभ है। बैंकाक नदी के डेल्टा पर स्थित है और जहां भूकंप का मध्यम जोखिम है। बैंकॉक के सिटी सेंटर में एक कार्यालय में काम करने वाली अप्रैल कनिचवानाकुल ने बताया कि उन्हें पहले तो यह एहसास ही नहीं हुआ कि यह भूकंप है क्योंकि पहली बार उन्होंने भूकंप का सामना किया है। उन्होंने बताया कि मुझे लगा कि मुझे चक्कर आ रहा है।
 
बैंकॉक में 10 लोगों की मौत : कनिचवानाकुल और उनके सहकर्मी अपनी बिल्डिंग, टोनसन टॉवर की दसवीं मंजिल से नीचे उतरे और बाहर इस संकेत का इंतजार करने लगे कि अब अंदर जाना सुरक्षित है या नहीं। थाईलैंड में बैंकॉक शहर के अधिकारियों ने बताया कि बहुमंजिला इमारत सहित तीन निर्माण स्थलों पर 10 लोगों की मौत हुई है, 16 अन्य घायल हुए तथा 101 लोग लापता हैं।
 
बचावकर्मी सोंगवुत वांगपोन ने बताया कि मृतकों में कम से कम दो निर्माण मजदूर थे, जो मलबे या मलबे के गिरने से मारे गए। इमारत का निर्माण थाईलैंड के सरकारी महालेखा परीक्षक के लिए चाइना रेलवे कंस्ट्रक्शन कॉरपोरेशन द्वारा किया जा रहा था। बैंकॉक में अन्य स्थानों पर लोगों को इमारतों से बाहर निकालने को कहा गया और आगाह किया गया कि और अधिक झटके आने की आशंका के मद्देनजर वे घरों से बाहर ही रहें।
 
शुरुआती खबरों के अनुसार, अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण और जर्मनी के जीएफजेड भूविज्ञान केंद्र ने बताया कि दोपहर को यह भूकंप 10 किलोमीटर (6.2 मील) की गहराई पर आया, जिसका केंद्र पड़ोसी देश म्यांमार में था। सिटी हॉल ने अंतर-एजेंसी सहायता और आपातकालीन सहायता की सुविधा के लिए शहर को आपदा क्षेत्र घोषित किया है। ग्रेटर बैंकॉक क्षेत्र में 1.70 करोड़ से अधिक लोग रहते हैं, जिनमें से कई ऊंची इमारतों में रहते हैं। 
 
चारों ओर चीख पुकार : बैंकॉक के मॉल में कैमरा उपकरण खरीदने आए स्कॉटलैंड के पर्यटक फ्रेजर मॉर्टन ने बताया कि अचानक पूरी इमारत हिलने लगी जिससे वहां चीख-पुकार मच गई। उन्होंने बताया कि मैंने पहले तो शांति से चलना शुरू किया, लेकिन फिर इमारत में हलचल शुरू हो गई। हां, बहुत चीख-पुकार मच गई, बहुत घबराहट होने लगी, लोग एस्केलेटर से गलत दिशा में भागने लगे, मॉल के अंदर बहुत तेज अवाजें आने लगी और चीजें टूटने लगीं।

बैंकॉक शहर के अन्य हजारों लोगों की तरह, मॉर्टन ने भी चारों ओर की ऊंची इमारतों से दूर, बेंजासिरी पार्क में शरण ली। उन्होंने कहा कि मैं बाहर आया और फिर इमारत की ओर देखा जो हिल रही थी और फिर धूल व मलबा का गुबार उठा, यह बहुत तेजी से हुआ। उन्होंने बताया कि कई लोग अपने प्रियजनों से फोन पर बात कर रहे थे जबकि अन्य दोपहर की तपती धूप से बचने के लिए छाया की तलाश कर रहे थे। अन्य लोग शहर के घनी आबादी वाले हिस्से में ऊंची इमारतों को दहशत के साथ घूर रहे थे। 
 
बांध टूटने से मुश्किल और बढ़ी : म्यांमा में भूकंप की वजह से पुल और मठ ढह गए और बांध टूट गया। खबरों के अनुसार मांडले में, भूकंप के कारण कई इमारतें ढह गईं, जिनमें शहर के सबसे बड़े मठों में से एक मा सोए याने मठ भी शामिल है, तथा पूर्व शाही महल को भी क्षति पहुंची है। इस बीच, सहायता समूह ‘क्रिश्चियन एड’ ने कहा कि उसके साझेदारों और सहकर्मियों ने खबर दी है कि शहर में एक बांध टूट गया है, जिसके कारण निचले इलाकों में जल स्तर बढ़ गया है।
 
इंटरनेट पर प्रसारित एक वीडियो में सड़क पर भिक्षु अचानक जमीन पर गिरने से पहले बहुमंजिला मठ का वीडियो बनाते हुए दिख रहे हैं।यह तुरंत स्पष्ट नहीं हो पाया कि किसी को नुकसान पहुंचा है या नहीं। मांडले के दक्षिण-पश्चिम में सागाइंग क्षेत्र में 90 वर्ष पुराना पुल ढह गया तथा मंडाले और म्यांमा के सबसे बड़े शहर यांगून को जोड़ने वाले राजमार्ग के कुछ हिस्से भी क्षतिग्रस्त हो गए।
20 लाख लोगों को सहायता की जरूरत : सेना ने फरवरी 2021 में आंग सान सू की की निर्वाचित सरकार से सत्ता छीन ली और अब वह विद्रोहियों और नवगठित लोकतंत्र समर्थक लड़ाकों के साथ खूनी गृहयुद्ध का सामना कर रही है। सरकारी बलों ने म्यांमा के अधिकांश भाग पर नियंत्रण खो दिया है, तथा कई स्थान अत्यंत खतरनाक हो गए हैं या सहायता समूहों की पहुंच मुश्किल है। संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, लड़ाई के कारण 30 लाख से अधिक लोग विस्थापित हो गए हैं तथा लगभग 20 लाख लोग को तत्काल सहायता की जरूरत है।
 
चीन के दो प्रांतों में असर : चीनी मीडिया की खबरों के मुताबिक, भूकंप का झटका चीन के युन्नान और सिचुआन प्रांतों में भी महसूस किया गया तथा म्यांमा की सीमा पर स्थित रुइली शहर में कई मकान क्षतिग्रस्त हो गए और कई लोग घायल हुए हैं। मीडिया ने रुइली के एक व्यक्ति से प्राप्त वीडियो प्रसारित किया, जिसमें दिखाई दे रहा है कि सड़क पर इमारत का मलबा बिखरा हुआ है और एक व्यक्ति को स्ट्रेचर पर रखकर एम्बुलेंस की ओर ले जाया जा रहा है।
 
पुल हिल रहा था : आदित्य बिरला केमिकल्स थाईलैंड के प्रमुख अजय महाजन भी विनाशकारी भूकंप के गवाह बने। उन्होंने बताया कि शुरू में मैंने सोचा कि ये झटके कार के टायर में हवा के कम दबाव के कारण हो सकते हैं। कुछ ही क्षणों बाद मुझे एहसास हुआ कि जिस पुल पर यात्रा कर रहा था, वह पूरा पुल हिल रहा था। महाजन शुक्रवार को बैंकॉक में दोपहर की बैठक से बाहर निकले ही थे कि तभी पड़ोसी म्यांमा में 7.7 तीव्रता का भूकंप आ गया, जिसका असर पूरे थाईलैंड में देखने को मिला। महाजन ने भूकंप के खौफनाक मंजर को याद किया।
 
उन्होंने बताया कि हमारी कार हिल रही थी...मैंने पूछा कि क्या हो रहा है? कार के टायरों में पर्याप्त हवा का दबाव है या नहीं? और फिर मैंने देखा कि मेरे सामने दूसरी कारें हिल रही थीं। उन्होंने कहा कि यही वह समय था जब मैंने पूरे पुल को हिलते हुए देखा।
 
सभी भारतीय सुरक्षित : थाइलैंड स्थित भारतीय दूतावास ने शुक्रवार को कहा कि म्यांमार में आए जबरदस्त भूकंप के कारण देश में महसूस किए गए तेज झटकों के बीच यहां सभी भारतीय नागरिक सुरक्षित हैं। भारतीय दूतावास ने एक पोस्ट में कहा कि वह थाई अधिकारियों के साथ समन्वय में स्थिति पर बारीकी से नजर रख रहा है। उसने कहा कि बैंकॉक और थाईलैंड के अन्य हिस्सों में दर्ज किए गए शक्तिशाली भूकंप के झटकों के बाद, दूतावास थाई अधिकारियों के साथ समन्वय में स्थिति पर बारीकी से नज़र रख रहा है।

अभी तक, किसी भी भारतीय नागरिक से जुड़ी कोई अप्रिय घटना की सूचना नहीं मिली है। दूतावास ने कहा कि किसी भी आपात स्थिति में थाईलैंड में भारतीय नागरिकों को आपातकालीन नंबर +66 618819218 पर संपर्क करने की सलाह दी जाती है। बैंकॉक में भारतीय दूतावास और चियांग माई में वाणिज्य दूतावास के सभी सदस्य सुरक्षित हैं। (एजेंसियां/वेबदुनिया)
Edited by: Vrijendra Singh Jhala 

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