वॉशिंगटन। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने यरुशलम को इजराइल की राजधानी की मान्यता वाले प्रस्ताव का संयुक्त राष्ट्र में विरोध करने वाले देशों को वित्तीय सहायता बंद करने की चेतावनी दी है।
ट्रंप ने व्हाइट हाउस में कहा, वे हमसे अरबों डॉलर की मदद लेते हैं और फिर हमारे खिलाफ मतदान भी करते हैं। उन्होंने कहा, उन्हें हमारे खिलाफ मतदान करने दो, हम बड़ी बचत करेंगे, हमें इससे फर्क नहीं पड़ता।
ट्रंप ने यह बात संयुक्त राष्ट्र में यरुशलम को इजराइल की राजधानी मानने के विरोध में लाए जा रहे प्रस्ताव पर मतदान से पहले कही है। प्रस्ताव के मसौदे में अमेरिका का उल्लेख नहीं है लेकिन कहा गया है कि यरुशलम पर लिया गया कोई भी फैसला रद्द होना चाहिए।
इससे पहले संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की राजदूत निक्की हेली ने सदस्य देशों को चेतावनी देते हुए कहा था कि इस संबंध में ट्रंप ने उनसे रिपोर्ट की मांग की है कि आज कौन-कौन देश उनके खिलाफ मतदान करने वाले हैं।
गौरतलब है कि ट्रंप ने यरुशलम को इजराइल की राजधानी की मान्यता देने तथा दूतावास तेल अवीव से यरुशलम स्थानांतरित करने के आदेश की ज्यादातर मुस्लिम देशों ने आलोचना की है। ऑर्गेनाइजेशन ऑफ इस्लामिक कोऑपरेशन (ओआईसी) ने अमेरिका के इस फैसले पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए पूर्वी यरुशलम को फिलीस्तीन की राजधानी करार दिया है।
फिलस्तीन के विदेश मंत्री रियाद अल मलीकी और तुर्की के विदेश मंत्री मेवलुत कावासोगलू ने अमेरिका पर अन्य देशों को धमकाने के आरोप लगाए हैं। दोनों विदेश मंत्रियों ने अंकारा में कहा, हम देख रहे हैं कि अकेला पड़ गया अमेरिका अब धमकियां दे रहा है। कोई भी सम्माननीय प्रतिष्ठित राष्ट्र इन धमकियों के आगे नहीं झुकेगा।
उल्लेखनीय है कि अरब और मुस्लिम देशों के आग्रह पर 193 सदस्य देशों वाले संयुक्त राष्ट्र में आज आपात और विशेष बैठक बुलाई गई है। (वार्ता)