Iran air strike in pakistan : पाकिस्तान के बलूचिस्तान में ईरान के हमलों से दोनों एशियाई देशों में तनाव चरम पर पहुंच गया है। अमेरिका ने हमले की निंदा की है जबकि चीन ने दोनों देशों से संयम बरतने की अपील की है।
अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने पाकिस्तान, सीरिया और इराक में ईरान के हमले को चिंताजनक बताया। उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि हमने देखा कि ईरान ने पिछले कुछ दिनों में अपने तीन पड़ोसी देशों की सीमाओं का उल्लंघन किया।
उन्होंने कहा कि ईरान इस क्षेत्र में आतंकवाद और अस्थिरता की फंडिंग करने वाला मुख्य देश है। वह कह रहा है कि उसे आतंकवाद से निपटने के लिए ये कदम उठाने पड़े। उन्होंने कहा कि मुझे उम्मीद है कि इस मसले को शांतिपूर्ण ढंग से सुलझाया जा सकता है।
चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने भी एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि दोनों देशों से संयम बरतने की अपील करते हुए कहा कि चीन मानता है कि देशों के आपसी रिश्तों को यूएन चार्टर और अंतरराष्ट्रीय कानूनों, सभी देशों की संप्रभुता, स्वतंत्रताऔर क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान और सुरक्षा करते हुए निभाया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि ईरान और पाकिस्तान करीबी पड़ोसी और बड़े इस्लामिक देश हैं। हम दोनों पक्षों से संयम बरतने, तनाव बढ़ाने वाले क़दम न उठाने और मिलकर इस क्षेत्र को शांत और स्थिर बनाए रखने की अपील करते हैं।
इस बीच ईरान के विदेश मंत्री हुसैन अमीर-अब्दुल्लाहियन ने दावोस में चल रहे विश्व आर्थिक मंच की बैठक में दावा किया कि ईरान के मिसाइल और ड्रोन हमले के निशाने पर कोई पाकिस्तान नागरिक नहीं था।
इधर पाकिस्तान ने ईरान द्वारा बिना उकसावे के उसकी हवाई सीमा का उल्लंघन किए जाने के बाद अपने राजदूत को तेहरान से वापस बुलाया। पाकिस्तान की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि ईरान द्वारा पाकिस्तान की संप्रभुता पर अकारण हमला अंतरराष्ट्रीय कानून और संयुक्त राष्ट्र के चार्टर के उद्देश्यों और सिद्धांतों का उल्लंघन है।
ईरान ने मंगलवार को पाकिस्तान में बलूच आतंकवादी संगठन जैश-अल-अदल के 2 अड्डों पर मिसाइलें दागी। उससे एक दिन पहले ईरान के रिवोल्युशनरी गार्ड्स ने इराक और सीरिया में लक्ष्यों को मिसाइलों से निशाना बनाया था।
क्या है जैश अल अदल सुन्नी : जैश अल-अदल सुन्नी आतंकवादी समूह है जो मुख्यत: पाकिस्तान से अपनी गतिविधियों को अंजाम देता है। 2012 में बने इस संगठन का मकसद सिस्तान और बलूचिस्तान प्रांत को स्वतंत्रता कराना है। इस समूह का सरगना सलाउद्दीन फारूकी है। पाकिस्तान बॉर्डर पर जैश अल-अदल आतंकी गतिविधियों को अंजाम देता है।