बहरहाल यह साफ हो चुका है कि अगर ईरान की सरकार अपने परमाणु कार्यक्रम को रोकती है, तब ही ट्रंप हमले की योजना को रोकेंगे नहीं तो अमेरिका इजराइल की तरफ से ईरान के खिलाफ युद्ध में शामिल हो जाएगा। अमेरिकी सेना ने मिडिल ईस्ट के उन ठिकानों से कुछ विमानों और जहाजों को ट्रांसफर कर दिया है जो किसी भी संभावित ईरानी हमले के प्रति संवेदनशील हो सकते हैं।