ढाका। भारत में कोरोना की दूसरी लहर की रफ्तार भले ही धीमी पड़ गई हो, लेकिन दुनिया के कई देश अभी भी कोरोना महामारी भयावहता से जूझ रहे हैं। यही स्थिति भारत के पड़ोसी देश बांग्लादेश की है। कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए बांग्लादेश में 1 जुलाई से सख्त लॉकडाउन लगने वाला है। इसे लेकर देश में खौफ का माहौल बन गया है। खासकर प्रवासी मजदूरों के लिए। लॉकडाउन के डर से प्रवासी मजदूर शहरों से अपने गांवों की ओर लौट रहे हैं।
मजदूरों के पलायन की परेशान करने वाली तस्वीरें सामने आ रही हैं। राजधानी ढाका से जल्द घर लौटने के लिए प्रवासी मजदूर बाइक, ऑटो रिक्शा, लोडिंग ऑटो, ट्रक और एम्बुलेंस तक में सफर करने को मजबूर हैं। आंकड़ों के अनुसार एक हफ्ते में 5 लाख से ज्यादा मजदूर ढाका छोड़ चुके हैं। इन प्रवासी मजदूरों का दर्द है कि अगर लॉकडाउन में काम नहीं होगा तो पेट कैसे भरेंगे और घर का किराया कहां से चुकाएंगे? वे अपना सारा सामान लेकर घरों की ओर पलायन कर रहे हैं।
बांग्लादेश में सार्वजनिक परिवहन सेवाएं 23 जून से बंद पड़ी हुई हैं। नौकाएं 24 घंटे चल रही हैं। नौकाओं पर क्षमता से ज्यादा सवारियां जा रही हैं। जान की परवाह किए बगैर 1-1 बोट पर हजारों की संख्या में लोग सवार हो रहे हैं। मजदूरों का पलायन देख बांग्लादेश ने भारतीय सीमाएं भी 14 दिन के लिए सील कर दी हैं। सरकार का मानना है कि रोजगार की तलाश में मजदूर भारत जा सकते हैं, जो नई परेशानी बन सकता है।