इस्लामिक स्टेट ने अब अपने खौफनाक मंसूबों को अंजाम देने के लिए महिलाओं को जिम्मेदारी सौंपी हैं। खुफिया सूत्रों का कहना है कि एक ब्रिटिश महिला 'मिसेज टेरर' ब्रिटेन या फ्रांस में कोई बड़ा हमला करने की फिराक में है। सैली जोंस नामक इस महिला की वजह से इन दिनों ब्रिटिश इंटेलिजेंस एजेंसियों की नींद उड़ी हुई है। आतंकी संगठन आईएसआईएस ने सीरिया पर हो रहे हमले का बदला लेने के लिए 'मिसेज टेरर' को बड़े हमले की जिम्मेदारी सौंपी है।
यही नहीं 47 साल की इस महिला आतंकी के हौंसले इतने बुलंद है कि उसने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में कहा है कि वह आईएसआईएस की पहली महिला फिदायीन हमलावर बनेगी। खुफिया एजेंसियों का माना जा रहा है कि वह सीरिया में है और महिलाओं को फिदायीन हमलों की ट्रेनिंग दे रही है।
जानिए आखिर कौन है ये 'मिसेज टेरर' : मिसेज टेरर का असली नाम सैली जोन्स है उसे उम्म हुसैन और सकीना हुसैन के नाम से भी जाना जाता है। वह ब्रिटेन के कैंट की रहने वाली है। सैली दो बच्चों की मां है। वह एक रॉक बैंड में भी रह चुकी है और अपने पति से मिलने के बाद में उसने इस्लाम कबूल कर लिया। दो साल पहले तक वह ब्रिटेन में ही रहती थी। इसके बाद 10 साल के बेटे को लेकर सीरिया गई और आईएस में शामिल हो गई।
सैली जोन्स पबों और क्लबों में रॉक म्यूजिक परफॉर्मेंस देने वाले 22 साल के जुनैद हसन के संपर्क में आई। सैली जोन्स पबों और क्लबों में रॉक म्यूजिक परफॉर्मेंस देने वाले 22 साल के जुनैद हसन के संपर्क में आई। हसन से मुलाकात के बाद सैली ने इस्लाम कबूला और नाम बदल लिया। 2013 में ही सैली ने जुनैद हसन से शादी की। जोन्स का झुकाव कट्टरपंथ की तरफ हुआ।
साइबर टेरेरिस्ट था सैली का पति : जुनैद 2012 में ब्रिटेन के पूर्व पीएम टोनी ब्लेयर के सहयोगी से खुफिया जानकारी चुराने और एंटी टेररिस्ट हॉट लाइन को ब्लॉक करने के आरोप में जेल काट चुका है। वह बर्मिंघम का रहने वाला था और कम्प्यूटर हैकर था।
हसन अमेरिका के ड्रोन हमले में मारा जा चुका है। शुरुआत में सैली ईसाइयों के विरोध में मैसेज पोस्ट करती थी। फिर अचानक सीरिया चली गई। सैली को आईएस ने वुमन सेल को एक्टिव करने का जिम्मा सौंपा है।
क्या कहा मिसेस टेरर ने : सैली जोंस ने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा कि मैं जानती हूं कि मैं क्या कर रही हूं। जन्नत नसीब हो, इसके लिए कीमत तो चुकानी ही पड़ेगी। इसी पोस्ट में सैली लिखती है कि मैं चेचन्या की पहली महिला सुसाइड बॉम्बर हावा बारायेव को श्रद्धांजलि देकर खुद को उड़ा लूंगी। मैं आईएस की पहली महिला सुसाइड बॉम्बर बनूंगी।
जानिए कौन है हावा : साल 2000 में रूस के साथ चेचन विद्रोहियों की लड़ाई में हावा बारायेव पहली महिला सुसाइड बॉम्बर बनी थी। हावा ने खुद को बम से उड़ा लिया था। इस हमले में रूसी आर्मी के 27 सैनिक मारे गए थे।