मीडिया रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है। 74 वर्षीय मुशर्रफ को वर्ष 2007 में देश में आपातकाल लगाने के लिए मार्च 2014 में राष्ट्रद्रोह के आरोपों में दोषी करार दिया गया था। देश में आपातकाल लगाने के बाद कई वरिष्ठ न्यायाधीशों को उनके घरों में नजरबंद कर दिया गया था और 100 से अधिक जजों को बर्खास्त कर दिया गया था।
पूर्व राष्ट्रपति 18 मार्च 2016 को चिकित्सा उपचार के लिए दुबई चले गए थे। कुछ महीने बाद, विशेष अदालत ने उन्हें भगोड़ा अपराधी घोषित कर दिया था और साथ ही मामले में उनके पेश नहीं होने के कारण उनकी संपत्ति जब्त करने का आदेश भी दिया था। अदालत ने मार्च में आदेश दिया था कि संघीय सरकार उनके कम्प्यूटरीकृत राष्ट्रीय पहचान पत्र और पासपोर्ट को निलंबित कर दे।
एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने रिपोर्ट दी है कि राष्ट्रीय डाटाबेस पंजीकरण प्राधिकरण (एनएडीआरए) ने मुशर्रफ का पहचान पत्र निलंबित कर दिया है और उसके साथ ही उनका पासपोर्ट भी अपने आप निलंबित हो गया है। सूत्रों का कहना है कि अब या तो वह राजनीतिक शरण ले लें या पाकिस्तान लौटने के लिए विशेष दस्तावेजों का प्रबंध करें।