अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडेन को हुआ प्रोस्टेट कैंसर, जानिए कितनी खतरनाक है यह बीमारी, लक्षण और उपचार

WD Feature Desk

सोमवार, 19 मई 2025 (13:01 IST)
prostate cancer symptoms screening and treatment: अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति, 82 वर्षीय जो बाइडेन के स्वास्थ्य को लेकर एक बड़ी खबर सामने आई है। उनके ऑफिस से जारी बयान के अनुसार, उन्हें लंबे समय से पेशाब संबंधी समस्या थी, जिसके बाद 16 मई को अस्पताल में चेकअप कराने पर डॉक्टरों ने प्रोस्टेट कैंसर की पुष्टि की है। मेडिकल रिपोर्ट में उनका ग्लेसन स्कोर 9 (ग्रेड ग्रुप 5) बताया गया है और हड्डी में मेटास्टेसिस (Metastasis) भी पाया गया है। इसका मतलब है कि कैंसर काफी आक्रामक है और शरीर के अन्य हिस्सों में फैल चुका है। आइए, जानते हैं प्रोस्टेट कैंसर क्या है, इसके लक्षण क्या होते हैं और इसका इलाज क्या है।

प्रोस्टेट कैंसर क्या होता है?
प्रोस्टेट कैंसर पुरुषों में होने वाला एक आम कैंसर है, जो प्रोस्टेट ग्रंथि में विकसित होता है। प्रोस्टेट ग्रंथि अखरोट के आकार की एक छोटी ग्रंथि होती है, जो मूत्राशय के ठीक नीचे और मलाशय के सामने स्थित होती है। इसका मुख्य कार्य वीर्य (Semen) बनाने वाले तरल पदार्थ का उत्पादन करना है, जो शुक्राणुओं को पोषण और सुरक्षा प्रदान करता है। जब इस ग्रंथि की कोशिकाएं अनियंत्रित तरीके से बढ़ने लगती हैं, तो वे कैंसर का रूप ले लेती हैं।

प्रोस्टेट कैंसर के लक्षण क्या हैं?
शुरुआती चरणों में प्रोस्टेट कैंसर के अक्सर कोई खास लक्षण नहीं दिखते। हालांकि, जैसे-जैसे कैंसर बढ़ता है, कुछ सामान्य लक्षण सामने आ सकते हैं, जिनमें शामिल हैं:
 
प्रोस्टेट कैंसर कैसे पता चलता है?
प्रोस्टेट कैंसर का पता लगाने के लिए कई तरह के परीक्षण किए जाते हैं:
 
प्रोस्टेट कैंसर का दर्द कहां होता है?
शुरुआती चरणों में प्रोस्टेट कैंसर आमतौर पर दर्द रहित होता है। दर्द तब शुरू होता है जब कैंसर काफी बढ़ जाता है या शरीर के अन्य हिस्सों में फैल जाता है, खासकर हड्डियों में। जो बाइडेन के मामले में हड्डी में मेटास्टेसिस (Metastasis) होने के कारण उन्हें कमर, कूल्हों, जांघों या पीठ के निचले हिस्से में दर्द का अनुभव हो सकता है। हड्डियों में फैला कैंसर दर्द का एक प्रमुख कारण बनता है।

प्रोस्टेट कैंसर कितने साल में फैलता है?
प्रोस्टेट कैंसर के फैलने की गति हर व्यक्ति में अलग-अलग होती है। कुछ प्रोस्टेट कैंसर बहुत धीरे-धीरे बढ़ते हैं और कई सालों तक बिना किसी बड़ी समस्या के रह सकते हैं। इन्हें "इंडोलेंट" कैंसर कहा जाता है। वहीं, कुछ प्रोस्टेट कैंसर (जैसे कि जो बाइडेन का "आक्रामक" प्रकार, ग्लेसन स्कोर 9) बहुत तेजी से बढ़ते हैं और शरीर के अन्य हिस्सों, जैसे हड्डियों या लिम्फ नोड्स, में तेजी से फैल सकते हैं। ग्लेसन स्कोर कैंसर कोशिकाओं की आक्रामकता को दर्शाता है; जितना अधिक स्कोर, उतना ही आक्रामक कैंसर।

प्रोस्टेट कैंसर के मुख्य उपचार विकल्प:
सक्रिय निगरानी (Active Surveillance):
यह उन पुरुषों के लिए एक विकल्प है जिन्हें शुरुआती चरण का, धीमी गति से बढ़ने वाला प्रोस्टेट कैंसर होता है। इसमें तुरंत इलाज शुरू करने के बजाय, डॉक्टर नियमित रूप से पीएसए (PSA) रक्त परीक्षण, डिजिटल रेक्टल एग्जाम (DRE) और कभी-कभी बायोप्सी करके कैंसर की प्रगति पर नज़र रखते हैं। यदि कैंसर बढ़ने के संकेत मिलते हैं, तो ही उपचार शुरू किया जाता है। इसका उद्देश्य अनावश्यक उपचारों से बचना है जिनके दुष्प्रभाव हो सकते हैं।

सर्जरी (Surgery - Radical Prostatectomy):
इस प्रक्रिया में पूरे प्रोस्टेट ग्रंथि और आसपास के कुछ ऊतकों को हटा दिया जाता है। यह उन पुरुषों के लिए एक आम विकल्प है जिनका कैंसर प्रोस्टेट तक ही सीमित होता है और जो स्वस्थ होते हैं।
 
विकिरण थेरेपी (Radiation Therapy):
इस उपचार में कैंसर कोशिकाओं को नष्ट करने के लिए उच्च-ऊर्जा विकिरण (एक्स-रे या अन्य प्रकार के विकिरण) का उपयोग किया जाता है।

बाहरी बीम रेडिएशन (External Beam Radiation Therapy - EBRT): इसमें शरीर के बाहर एक मशीन से प्रोस्टेट क्षेत्र पर विकिरण डाला जाता है। यह आमतौर पर कई हफ्तों तक प्रतिदिन किया जाता है।

ब्रैकीथेरेपी (Brachytherapy): इसमें रेडियोधर्मी बीजों को सीधे प्रोस्टेट ग्रंथि के अंदर प्रत्यारोपित किया जाता है, जो धीरे-धीरे विकिरण छोड़ते हैं। यह आंतरिक विकिरण थेरेपी है।

हार्मोन थेरेपी (Hormone Therapy):
प्रोस्टेट कैंसर कोशिकाएं अक्सर बढ़ने के लिए टेस्टोस्टेरोन जैसे पुरुष हार्मोन (एण्ड्रोजन) पर निर्भर करती हैं। हार्मोन थेरेपी का उद्देश्य इन हार्मोन के उत्पादन को कम करना या उनके प्रभाव को रोकना है। यह अकेले या अन्य उपचारों के साथ संयोजन में उपयोग किया जा सकता है, खासकर जब कैंसर प्रोस्टेट से बाहर फैल गया हो।

कीमोथेरेपी (Chemotherapy):
कीमोथेरेपी में ऐसी दवाओं का उपयोग किया जाता है जो पूरे शरीर में कैंसर कोशिकाओं को मारती हैं। इसका उपयोग आमतौर पर तब किया जाता है जब प्रोस्टेट कैंसर शरीर के अन्य हिस्सों में फैल गया हो (मेटास्टेटिक कैंसर) और हार्मोन थेरेपी अब प्रभावी न हो।

लक्षित थेरेपी (Targeted Therapy):
यह एक नई प्रकार की दवा थेरेपी है जो कैंसर कोशिकाओं में विशिष्ट असामान्यताओं को लक्षित करती है। ये दवाएं कैंसर कोशिकाओं के बढ़ने, विभाजित होने और फैलने के तरीके में हस्तक्षेप करती हैं, जबकि सामान्य कोशिकाओं को कम नुकसान पहुंचाती हैं।

इम्यूनोथेरेपी (Immunotherapy):
इम्यूनोथेरेपी शरीर की अपनी प्रतिरक्षा प्रणाली को कैंसर कोशिकाओं को पहचानने और उनसे लड़ने में मदद करती है। यह विशेष रूप से उन मामलों में उपयोग की जा सकती है जहां कैंसर उन्नत चरण में हो और अन्य उपचारों का जवाब न दे रहा हो।

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